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म्यांमार और थाईलैंड में 7.7 तीव्रता का भूकंप: भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ

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मुख्य बिंदु:

  • म्यांमार और थाईलैंड में 7.7 तीव्रता का भूकंप, जिसके झटके भारत के पूर्वोत्तर हिस्सों और चीन तक महसूस किए गए।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभावित क्षेत्रों के प्रति चिंता व्यक्त की और सहायता की पेशकश की।
  • म्यांमार के मंडले क्षेत्र में इमारतों के गिरने और सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की खबरें; बैंकॉक में भी इमारतों को नुकसान।
  • म्यांमार और थाईलैंड में आपातकालीन सेवाएं सक्रिय, बचाव कार्य जारी।

भारत ने म्यांमार और थाईलैंड में 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद सहायता की पेशकश की

शुक्रवार को म्यांमार और थाईलैंड में 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने व्यापक तबाही मचाई। इस भूकंप के झटके भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और चीन के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आपदा पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए प्रभावित क्षेत्रों को हर संभव सहायता प्रदान करने की भारत की तत्परता जताई।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर कहा, “म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति को लेकर चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा और कुशलता के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।” उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहने और म्यांमार एवं थाईलैंड की सरकारों के साथ संपर्क में रहने के निर्देश दिए हैं।

यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, भूकंप का केंद्र म्यांमार के सगाइंग शहर से 16 किमी उत्तर-पश्चिम में, 10 किमी की गहराई पर था। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) ने भी इस गहराई की पुष्टि की है, और केंद्र को मंडले के निकट बताया है।

हालांकि अभी तक हताहतों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, म्यांमार के मंडले क्षेत्र में कई इमारतें ढह गई हैं, और मंडले एवं यांगून के बीच की कई सड़कें गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुई हैं। बैंकॉक में भी झटकों के कारण लोग इमारतों से बाहर निकलकर सड़कों पर आ गए। बैंकॉक में एक निर्माणाधीन 30-मंजिला गगनचुंबी इमारत के गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और दर्जनों मजदूर फंसे हुए हैं।

लाओस की राजधानी वियनतियाने में भी ऊंची इमारतों में झटके महसूस किए गए, जिससे निवासी चिंतित हो गए। म्यांमार में अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर बचाव कार्य शुरू किए हैं, आपातकालीन टीमें जीवित बचे लोगों की तलाश और मलबे में फंसे लोगों की सहायता में जुटी हैं।

भारत की ओर से, प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशानुसार, संबंधित एजेंसियां स्थिति पर नजर रख रही हैं और प्रभावित देशों के साथ समन्वय स्थापित कर रही हैं, ताकि आवश्यक सहायता शीघ्र प्रदान की जा सके। भारत की यह तत्परता क्षेत्रीय सहयोग और मानवीय सहायता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

और जानकारी के लिए बने रहिये हमारे साथ खबर हरतरफ पर।

 

Shubham

शुभम झोपे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं जो "ख़बर हरतरफ़" के लिए नियमित रूप से लेख लिखते हैं। उनकी लेखनी में समकालीन मुद्दों पर गहन विश्लेषण और सूक्ष्म दृष्टिकोण देखने को मिलता है। शुभम की लेखन शैली सहज और आकर्षक है, जो पाठकों को उनके विचारों से जोड़ देती है। शेयर बाजार, उद्यमिता और व्यापार में और सांस्कृतिक विषयों पर उनकी लेखनी विशेष रूप से सराही जाती है।

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