भारत और कनाडा के बीच बढ़ते राजनयिक विवाद के बीच, यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ने कहा कि भारत, खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में जांच में कनाडा के साथ सहयोग नहीं कर रहा है। यह विवाद तब उभरा जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया कि भारत सरकार के एजेंट इस हत्या में शामिल हो सकते हैं। भारत ने इन आरोपों को “बेतुका” और “राजनीतिक रूप से प्रेरित” बताया है, और यह दावा किया कि ट्रूडो इस मामले को सिख वोट बैंक के लिए उछाल रहे हैं।
भारत का सख्त रुख
भारत ने न केवल इन आरोपों को खारिज किया, बल्कि जवाबी कार्रवाई करते हुए अपने उच्चायुक्त को कनाडा से बुला लिया और कनाडा के छह राजनयिकों को देश से निष्कासित कर दिया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो पर “आतंकी और अलगाववादी एजेंडा” का समर्थन करने का आरोप लगाया, और यह भी कहा कि कनाडा में संगठित अपराध से जुड़े लोगों को शरण दी जा रही है। इस विवाद से दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ गया है, और अब यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित कर रहा है।
अमेरिका और न्यूज़ीलैंड की प्रतिक्रिया
अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि कनाडा के आरोप गंभीर हैं और इन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि भारत सरकार इस मामले में कनाडा की जांच में सहयोग करे।” हालांकि, भारत ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि कनाडा ने अब तक कोई विश्वसनीय सबूत नहीं दिया है।
न्यूज़ीलैंड, जो फाइव आईज इंटेलिजेंस साझेदारी का हिस्सा है, ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी। न्यूज़ीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने कहा कि “अगर कनाडा द्वारा लगाए गए आरोप साबित होते हैं, तो यह बहुत चिंताजनक होगा।” हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि “कानूनी प्रक्रियाओं का पालन होना चाहिए और चल रही आपराधिक जांचों के बारे में सार्वजनिक टिप्पणी से बचा जाना चाहिए”।
#WATCH | “…We have made clear that the Canadian allegations are extremely serious and they need to be taken seriously and we wanted to see the Government of India cooperate with Canada and its investigation. But, India has chosen an alternate path…” says US Department of… pic.twitter.com/Eqb7JSAUon
— ANI (@ANI) October 15, 2024
फाइव आईज इंटेलिजेंस साझेदारी
फाइव आईज एक इंटेलिजेंस साझेदारी है जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और कनाडा शामिल हैं। यह संगठन सदस्य देशों के बीच खुफिया जानकारी साझा करता है और वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर सहयोग करता है। कनाडा ने कहा है कि उसने इस मामले में फाइव आईज सहयोगियों के साथ अपनी जानकारी साझा की है। हालांकि, अमेरिका और न्यूज़ीलैंड जैसे कुछ देशों ने इस मामले पर भारत के साथ अपने राजनयिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए सीधे तौर पर कोई कड़ा रुख नहीं अपनाया है।
कनाडा पर भारत के आरोप
भारत ने यह भी आरोप लगाया है कि कनाडा खालिस्तानी आतंकवादियों और संगठित अपराधियों को शरण दे रहा है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा की आव्रजन नीति की आलोचना की और कहा कि पंजाब से जुड़े अपराधियों को कनाडा में स्वागत किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत लगातार कनाडा से कहता रहा है कि ये अपराधी भारत में वांछित हैं, लेकिन कनाडा ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
निज्जर की हत्या और इसके बाद की घटनाएं
हरदीप सिंह निज्जर, जिन्हें भारत में आतंकवादी घोषित किया गया था, की हत्या पिछले साल जून में कनाडा के सरे में हुई थी। ट्रूडो ने सार्वजनिक रूप से भारत पर इस हत्या में संलिप्तता का आरोप लगाया, जिससे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में तनाव बढ़ गया। इसके बाद भारत ने कड़े कदम उठाते हुए कनाडा के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और अपने उच्चायुक्त को वापस बुला लिया।
भारत और कनाडा के बीच यह राजनयिक विवाद दोनों देशों के संबंधों को एक नए मोड़ पर ले आया है। जहां कनाडा अपने आरोपों पर कायम है, वहीं भारत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए अपनी सुरक्षा और राष्ट्रीय संप्रभुता पर जोर दिया है। अमेरिका और न्यूज़ीलैंड जैसे फाइव आईज सहयोगियों ने इस मामले को गंभीरता से लेने की बात कही है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि आने वाले समय में इस विवाद का समाधान कैसे होगा।