ओला के CEO भाविश अग्रवाल ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) भारत के लिए एक बड़ी संभावनाओं का क्षेत्र है, जो देश को वैश्विक एआई हब बना सकता है। एएनआई के साथ बातचीत में, उन्होंने कहा कि एआई न केवल उत्पादकता बढ़ाएगा बल्कि भारत में लाखों नए रोजगार भी उत्पन्न करेगा।
व्हाइट-कॉलर नौकरियों पर AI का प्रभाव
अग्रवाल ने बताया कि अगले 5 वर्षों में एआई सबसे ज्यादा व्हाइट-कॉलर नौकरियों को प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा, “AI कुछ नौकरियों को खत्म करेगा लेकिन नई नौकरियों का भी निर्माण करेगा।” उन्होंने यह भी बताया कि AI वर्तमान में कंप्यूटरों में मौजूद है लेकिन फिजिकल कार्यों को करने वाले रोबोट्स में नहीं है, इसलिए ब्लू-कॉलर नौकरियों पर इसका प्रभाव कम होगा।
भाविश अग्रवाल का मानना है कि भारत में IT सेवाओं के पेशेवरों की बड़ी संख्या है जो वैश्विक ग्राहकों के लिए काम कर रहे हैं। AI के कारण उनकी उत्पादकता 10 गुना बढ़ सकती है, जिससे भारत में 10 गुना अधिक नौकरियों का सृजन हो सकता है। उन्होंने कहा, “अगर हम AI को अपनाते हैं और इसके नेता बनते हैं, तो हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से उत्पादक होगी और हम भारत में भविष्य की AI नौकरियों का निर्माण कर सकते हैं।”
कृत्रिम: भारत का पहला AI यूनिकॉर्न
कृत्रिम, जिसे भाविश अग्रवाल ने स्थापित किया है, भारत का पहला एआई यूनिकॉर्न बन गया है। इसने मैट्रिक्स पार्टनर्स इंडिया से $50 मिलियन की फंडिंग प्राप्त की है। कृत्रिम के एआई मॉडल 22 भारतीय भाषाओं में काम करने में सक्षम हैं और यह फरवरी 2024 से बीटा संस्करण में उपलब्ध है।
अग्रवाल का मानना है कि कृत्रिम भारत के लिए एआई कंप्यूटिंग स्टैक का एक नया युग शुरू कर रहा है। यह न केवल डेटा सेंटर्स का निर्माण करेगा बल्कि सर्वर, एज कंप्यूटिंग और सुपरकंप्यूटर के क्षेत्रों में भी प्रवेश करेगा। उन्होंने कहा, “हमने कृत्रिम को भारतीय मूल्यों और डेटा में गहराई से निहित किया है और यह विभिन्न भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।
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