हरियाणा सरकार की नौकरी सुरक्षा योजना पर छाई मायूसी, अनुबंधित कर्मचारियों की मांगें अभी भी अधूरी

Disappointment prevails over Haryana government's job security scheme, demands of contractual employees still remain unfulfilled
Disappointment prevails over Haryana government's job security scheme, demands of contractual employees still remain unfulfilled
WhatsApp Group Join Now

हरियाणा सरकार द्वारा चुनाव पूर्व की गई घोषणा जिसमें 1.20 लाख अनुबंधित कर्मचारियों के लिए नौकरी सुरक्षा की बात कही गई थी, अब सरकार के लिए एक चुनौती बनती दिख रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की इस नई योजना में भले ही इन कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति तक काम करने की गारंटी दी गई हो, लेकिन इसके बावजूद कर्मचारियों का असंतोष बढ़ता जा रहा है। वे इसे स्थायी नियुक्तियों को रोकने और कम वेतन पर ही काम करवाने की एक कोशिश के रूप में देख रहे हैं।

अनुबंध पर बनी रहेगी कटौती की मार

अनुबंधित कर्मचारियों के प्रमुख संगठन इस योजना को सरकार की ओर से मात्र खर्चों में कटौती का एक तरीका बता रहे हैं। ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्प्लॉइज फेडरेशन के अध्यक्ष, सुभाष लांबा का कहना है, “जो कर्मचारी स्थायी पदों पर काम कर रहे हैं, उनके लिए अनुबंध पर नौकरी की सुरक्षा देना केवल नियमित नियुक्तियों को कम करने का एक तरीका है। क्योंकि उनके वेतन नियमित कर्मचारियों से काफी कम होते हैं, इसलिए विभाग अनुबंध पर ही भर्ती करना पसंद करेंगे।”

केंद्रीय योजनाओं से जुड़े कर्मचारियों की अनदेखी

इस योजना का एक और विवादास्पद पहलू यह है कि इसमें उन अनुबंधित कर्मचारियों को शामिल नहीं किया गया है जो केंद्रीय योजनाओं या अन्य राज्य एजेंसियों के तहत काम कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा इसे अनुचित बताते हुए कहती हैं कि हजारों कर्मचारी वर्षों से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी अनदेखी कर रही है।

समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग

सैलजा ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड को भंग करने की मांग की है, जो इन अनुबंधित कर्मचारियों का प्रबंधन कर रही है। उनका कहना है कि समान कार्य के लिए समान वेतन और समान दर्जा मिलना चाहिए।

पारदर्शिता की कमी

इस योजना के तहत अनुबंधित कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा देने का वादा तो किया गया है, लेकिन उन्हें नियमित कर्मचारियों के समान आर्थिक और रोजगार संबंधी लाभ देने की बात पर कोई स्पष्टता नहीं है। लंबे समय से स्थायी नियुक्तियों के लिए हो रही मांगों के बावजूद, कर्मचारियों की यह मुख्य मांग अब भी पूरी नहीं हो पाई है।

कुल मिलाकर, यह योजना सरकार के लिए जितनी फायदेमंद साबित होती दिख रही है, कर्मचारियों के लिए उतनी ही निराशाजनक भी। जहां एक तरफ यह योजना कर्मचारियों को स्थायित्व का एक झूठा आश्वासन देती है, वहीं दूसरी ओर उनके वास्तविक मुद्दों को अनसुना कर देती है।

हरियाणा के अनुबंधित कर्मचारियों के लिए यह ‘नौकरी बोनस’ केवल एक अधूरी चाह बनकर रह गई है।

यह भी पढ़े: Naukri.com की शुरुआत में सिर्फ 1,000 जॉब पोस्टिंग्स थीं, उस समय केवल 14,000 भारतीय इंटरनेट का उपयोग कर रहे थे

Team K.H.
Team K.H. एक न्यूज़ वेबसाइट का लेखक प्रोफ़ाइल है। इस टीम में कई प्रोफेशनल और अनुभवी पत्रकार और लेखक शामिल हैं, जो अपने विशेषज्ञता के क्षेत्र में लेखन करते हैं। यहाँ हम खबरों, समाचारों, विचारों और विश्लेषण को साझा करते हैं, जिससे पाठकों को सटीक और निष्पक्ष जानकारी प्राप्त होती है। Team K.H. का मिशन है समाज में जागरूकता और जानकारी को बढ़ावा देना और लोगों को विश्वसनीय और मान्य स्रोत से जानकारी प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करना।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here