उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार को शाही जामा मस्जिद के कोर्ट-आदेशित सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई। इस घटना में 4 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात पर काबू पाने के लिए इंटरनेट सेवाएं 24 घंटे के लिए बंद कर दी गईं और सभी स्कूलों को 25 नवंबर तक बंद रखने का आदेश दिया गया।
क्या हुआ था?
रविवार सुबह कोर्ट के आदेश पर मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद का सर्वे किया जा रहा था। इस दौरान स्थानीय निवासियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी और पुलिस पर पथराव किया। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया।
घटना में घायल एक पुलिसकर्मी की हालत गंभीर बताई जा रही है। प्रशासन ने 21 लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। हिंसा में शामिल लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
सर्वे के नाम पर तनाव फैलाने की साज़िश का ‘सर्वोच्च न्यायालय’ तुरंत संज्ञान ले और जो अपने साथ सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से नारेबाज़ों को ले गये, उनके ख़िलाफ़ शांति और सौहार्द बिगाड़ने का मुक़दमा दर्ज हो और उनके ख़िलाफ़ ‘बार एसोसिएशन’ भी अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई… pic.twitter.com/9Fj30K4aLm
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 24, 2024
मृतकों और घायलों का हाल
जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि मृतकों में से दो की मौत देशी कट्टों की गोली लगने से हुई, जबकि तीसरे मृतक की मौत का कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद स्पष्ट होगा।
सर्वे को लेकर विवाद
शाही जामा मस्जिद का यह सर्वे स्थानीय कोर्ट के आदेश पर किया जा रहा है। हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद जिस स्थान पर स्थित है, वहां पहले हरिहर मंदिर था, जिसे 1529 में मुगल सम्राट बाबर द्वारा तोड़ा गया था।
इस मुद्दे पर क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। प्रशासन ने 30 नवंबर तक किसी भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन या जनप्रतिनिधि के जिले में प्रवेश पर रोक लगा दी है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना पर सुप्रीम कोर्ट से तुरंत संज्ञान लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि सर्वे की आड़ में शांति भंग करने की साजिश हो रही है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार में हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं। वहीं, भाजपा ने कहा कि कोर्ट के आदेश का पालन होना चाहिए और असहमति होने पर कानूनी प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए।
प्रशासन की कार्रवाई
प्रशासन ने हिंसा के बाद सर्वे को पूरा कर लिया। यह सर्वे कोर्ट के निर्देश पर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के साथ किया गया। सर्वे रिपोर्ट 29 नवंबर को कोर्ट में पेश की जाएगी।
इस घटना के बाद पुलिस और प्रशासन ने हालात पर नियंत्रण पाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं।
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