प्रयागराज: महा कुंभ मेला में बसंत पंचमी के मौके पर तीसरा ‘अमृत स्नान’ शुरू हो गया है। लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा-यमुना के संगम पर डुबकी लगाकर पवित्र स्नान किया। इस मौके पर प्रयागराज के सरकारी कार्यालयों को छुट्टी दे दी गई है ताकि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
महा कुंभ लाइव: तीसरा ‘अमृत स्नान’
महा कुंभ मेला में तीसरा ‘अमृत स्नान’ बसंत पंचमी के मौके पर हो रहा है। यह स्नान मौनी अमावस्या के बाद हो रहा है, जिस दिन हुए हादसे में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद से ही मेला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया है।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
पिछले हफ्ते हुए हादसे के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। त्रिवेणी संगम के आसपास के इलाकों में राज्य और केंद्रीय पुलिस बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। भीड़ प्रबंधन के लिए ‘ऑपरेशन इलेवन’ लागू किया गया है और एक तरफा ट्रैफिक व्यवस्था की गई है।
सरकारी कार्यालयों को छुट्टी
प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट ने बसंत पंचमी के मौके पर सरकारी कार्यालयों को छुट्टी दे दी है। आदेश में कहा गया है, “बसंत पंचमी के मुख्य स्नान पर्व के मौके पर श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों की भारी भीड़ और ट्रैफिक प्रतिबंधों को देखते हुए प्रयागराज जिले के सरकारी कार्यालयों में स्थानीय छुट्टी घोषित की गई है।”
लाखों श्रद्धालुओं ने ली डुबकी
मेला प्रशासन के अनुसार, सुबह 8 बजे तक 62 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान किया। इसके अलावा, 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालुओं ने भी प्रार्थना और भजन कीर्तन में भाग लिया और ‘अमृत स्नान’ किया।
साधु-संतों का जोर
महा कुंभ मेला में साधु-संतों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। नागा साधुओं ने अपने अलग रीति-रिवाजों के साथ संगम पर डुबकी लगाई। इसके अलावा, जापान से आए एक संत ने भी ‘अमृत स्नान’ में भाग लिया और सनातन धर्म को दुनिया भर में फैलाने की बात कही।
योगी आदित्यनाथ की निगरानी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुबह 3:30 बजे से ही महा कुंभ मेला की निगरानी शुरू कर दी। उन्होंने लखनऊ स्थित अपने आधिकारिक आवास से मेला वार रूम के जरिए स्थिति पर नजर रखी।
क्या है ‘अमृत स्नान’ का महत्व?
तीसरा ‘अमृत स्नान’ बसंत पंचमी के मौके पर हो रहा है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था और गंगा में स्नान करने से आत्मिक शुद्धि होती है। इसलिए, लाखों श्रद्धालु इस पवित्र स्नान में शामिल होते हैं।
अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालुओं की उपस्थिति
महा कुंभ मेला में 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालुओं ने भी भाग लिया। उन्होंने प्रार्थना और भजन कीर्तन में हिस्सा लिया और ‘अमृत स्नान’ किया। उन्होंने इस आयोजन की आध्यात्मिक ऊर्जा और उत्कृष्ट संगठन की सराहना की।
साधु-संतों का संदेश
जुना अखाड़े के गिरि आचार्य महामंडलेश्वर ने कहा, “हम यहां भारत की एकता देख रहे हैं। अलग-अलग विचारों और धर्मों के लोग गंगा के किनारे एक साथ हैं। डर और अशांति है, लेकिन भारत में शांति और खुशी है।”
महा कुंभ मेला में बसंत पंचमी के मौके पर तीसरा ‘अमृत स्नान’ शुरू हो गया है। लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा-यमुना के संगम पर डुबकी लगाई। सरकारी कार्यालयों को छुट्टी दे दी गई है और सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है। इस पवित्र स्नान का आध्यात्मिक महत्व है और इसमें दुनिया भर के श्रद्धालु शामिल होते हैं।
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