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मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (MCC) का विकास: चुनावों में स्वतंत्रता और निष्पक्षता की कुंजी, जानिए कैसे इसका आधुनिकीकरण हुआ

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चुनाव आयोग (ईसी) द्वारा शनिवार को लोक सभा चुनाव अनुसूची की घोषणा के बाद मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (MCC) का प्रभाव दिख रहा है।

मुख्य खबर: मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (MCC) का विकास वर्षों के दौरान महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करता रहा है, जब यह एक सहमति दस्तावेज़ है जिसमें राजनीतिक पार्टियों ने अपने चुनाव के दौरान अपने व्यवहार को नियंत्रित रखने और कोड के भीतर काम करने के लिए सहमति जताई है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

  • मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (MCC) का मूल उद्देश्य यह है कि पार्टियां और उम्मीदवारों को अपने प्रतियों का सम्मान दिखाना चाहिए, उनकी नीतियों और कार्यक्रमों की सकारात्मक आलोचना करनी चाहिए, और गंदगी फैलाने और व्यक्तिगत हमलों से बचना चाहिए।
  • MCC की स्थापना के लिए प्रेरणा के रूप में केरल को वर्ष 1960 में अगले विधानसभा चुनावों के लिए एक कोड तैयार किया गया था, जो चुनावी गतिविधियों को शामिल करता था।
  • 1979 में लोक सभा चुनावों के पहले, ईसी ने एक संशोधित मॉडल कोड जारी किया जिसमें सात भाग शामिल थे, जिसमें से एक भाग सत्ता में रहते हुए पार्टी को विशेष निर्देश दिए थे।

चुनौतियां और समाधान:

मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (MCC) का उद्दीपन होते हुए, इसे लागू करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। एक ओर, इसे कानूनी रूप से प्रयोगी नहीं माना जाता है, जिससे इसके पारितंत्रिकता में संकट हो सकता है। दूसरी ओर, इसे ईसी के द्वारा संचालित किया जाता है, जिससे इसे प्रभावी बनाया जा सकता है।

मूल समस्याएं और समाधान:

1990 में, गोस्वामी समिति ने चुनावी सुधारों पर रिपोर्ट जारी की, जिसमें MCC के कमजोर पक्ष को कानूनी रूप देने की सिफारिश की गई थी। हालांकि, इसके लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।

सम्मोहन और चुनौतियां:

चुनाव आयोग की एक अहम शक्ति है जो एमसीसी का प्रयोग करके इसे प्रभावी बना सकती है। चुनाव सिंबल्स (रिजर्वेशन और आवंटन) आदेश की क्लॉज 16(A) द्वारा, आयोग को पार्टी को पहचान रद्द करने की शक्ति है “जो एमसीसी का पालन न करने और आयोग के विधेयकों या निर्देशों का पालन न करने के लिए”।

MCC ने चुनावों को मुक्त और निष्पक्ष बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है, जो न केवल चुनावी प्रक्रिया में न्याय और समरूपता की गारंटी देता है बल्कि यह डेमोक्रेटिक प्रक्रिया के रूप में एक बुनियादी अंग बना रहा है। इसे आधुनिक चुनावों के महत्वपूर्ण साधन के रूप में देखा जा रहा है, जो स्तरीय स्थानांतरणों के साथ-साथ आराम से लागू होता है।

टिप्पणी:

MCC का आधुनिकीकरण और इसकी चुनौतियां चुनावी प्रक्रिया के एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय का निरूपण करता है। यह एक अनुभवी पत्रकार द्वारा तैयार एक नई दृष्टिकोण प्रदान करता है जो उपयुक्त और मार्गदर्शक जानकारी प्रदान करता है।

MCC का आधुनिकीकरण निरंतर चुनावों को मुक्त और निष्पक्ष बनाने का महत्वपूर्ण साधन बना रहा है। यह न केवल चुनावी मायने में महत्वपूर्ण है बल्कि यह एक डेमोक्रेटिक प्रक्रिया का प्रमुख अंग बन गया है जो निष्पक्षता और सामरूपता की गारंटी देता है।

इस लेख के माध्यम से, हमने एमसीसी के विकास और महत्व को बेहतरीन तरीके से समझाया है। यह एक महत्वपूर्ण विषय है जो चुनावी प्रक्रिया में न्याय और समरूपता की सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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Gunvant

गुणवंत एक अनुभवी पत्रकार और लेखक हैं, जो सटीक और रोचक खबरें प्रस्तुत करने में माहिर हैं। समसामयिक मुद्दों पर उनकी गहरी समझ और सरल लेखन शैली पाठकों को आकर्षित करती है। साथ ही वे क्रिकेट में अपनी रूचि रखते है। गुणवंत का लक्ष्य समाज को जागरूक और प्रेरित करना है। वे हमेशा निष्पक्षता और सच्चाई को प्राथमिकता देते हैं।

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