नई दिल्ली: दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्र गुरुवार की सुबह फिर से घने स्मॉग और सर्दी के साथ जागे। स्विस वायु गुणवत्ता निगरानी कंपनी IQAir के अनुसार, दिल्ली के वसंत विहार के C ब्लॉक क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सुबह 11:55 बजे 1,336 दर्ज किया गया। AQI का 300 से अधिक होना इसे इंसानों के लिए अत्यंत ‘खतरनाक’ बनाता है।
गुरुवार को, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दिल्ली के रिज क्षेत्र में न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से चार डिग्री कम है। साथ ही, दिल्ली और आस-पास के नोएडा, गाजियाबाद, और गुड़गांव में बुधवार को घने कोहरे के कारण ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को लागू करने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। GRAP एक आपातकालीन योजना है जो दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़ने पर लागू की जाती है।
स्विस मॉनिटर के आंकड़े
IQAir के आंकड़ों के अनुसार, वसंत विहार क्षेत्र का AQI 1,300 से ऊपर पहुँच गया, जबकि द्वारका सेक्टर-8 क्षेत्र में AQI 1,051 मापा गया। इन दोनों ही क्षेत्रों का AQI ‘खतरनाक’ श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, वसंत विहार में उसी समय PM2.5 का AQI 466 था, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
अन्य प्रभावित क्षेत्र
दिल्ली में द्वारका के अलावा अमेरिकी दूतावास, सिरीफोर्ट, और पंजाबी बाग क्षेत्रों में भी AQI 740 से 980 के बीच दर्ज किया गया, जो IQAir के अनुसार ‘खतरनाक’ श्रेणी में है।
दिल्ली में PM2.5 और PM10 का प्रभाव
PM2.5 और PM10 सूक्ष्म कण होते हैं जो वायु प्रदूषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। PM2.5 वे सूक्ष्म कण हैं जिनका आकार 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है। ये इतने छोटे होते हैं कि ये फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और रक्त प्रवाह में भी पहुंच सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य को गंभीर खतरे होते हैं। वहीं, PM10 का आकार 10 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है, जो हालांकि PM2.5 जितना खतरनाक नहीं होता, परंतु फिर भी श्वसन समस्याओं को बढ़ा सकता है।
IQAir और CPCB में AQI मापने का अंतर
IQAir जैसे प्लेटफार्म रीयल-टाइम डेटा के आधार पर AQI अपडेट करते हैं, जबकि CPCB पूरे दिन के लिए एक ही AQI रिपोर्ट देता है। यही कारण है कि IQAir की AQI रीडिंग्स हमेशा बदलती रहती हैं क्योंकि ये हर घंटे के बदलावों पर आधारित होती हैं। CPCB की गाइडलाइन्स के अनुसार, AQI को 0-50 तक ‘अच्छा’, 51-100 तक ‘संतोषजनक’, 101-200 तक ‘मध्यम’, 201-300 तक ‘खराब’, 301-400 तक ‘बहुत खराब’, 401-450 तक ‘गंभीर’, और 450 से अधिक ‘अत्यंत गंभीर’ श्रेणी में रखा गया है।
दिल्ली के वायु प्रदूषण के मुख्य कारण
दिल्ली में प्रदूषण के मुख्य कारणों में से एक वाहन उत्सर्जन है। केंद्र के निर्णय समर्थन प्रणाली के अनुसार, बुधवार को दिल्ली में PM2.5 और PM10 के प्रमुख स्रोतों में 13.3% का योगदान वाहन उत्सर्जन का था।
दिल्ली-एनसीआर की स्थिति दिन-ब-दिन और खराब होती जा रही है और इस प्रकार का प्रदूषण गंभीर स्वास्थ्य खतरे उत्पन्न कर सकता है। ऐसी स्थिति में सरकार और प्रशासन की ओर से आवश्यक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ताकि दिल्लीवासियों को प्रदूषण मुक्त वातावरण मिल सके।