चेन्नई एयर शो में भीड़ और पानी की कमी ने रची तबाही, 5 की मौत

Crowd and lack of water caused havoc in Chennai Air Show, 5 died
Crowd and lack of water caused havoc in Chennai Air Show, 5 died
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चेन्नई के मरीना बीच पर हुए भारतीय वायुसेना के 92वें स्थापना दिवस के एयर शो को एक ऐतिहासिक और शानदार अनुभव बनना था, लेकिन यह त्रासदी में बदल गया। इस शो में भारी भीड़, पानी और सुविधाओं की कमी, और असंगठित भीड़ नियंत्रण की वजह से पांच लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हुए। आयोजन की खराब योजना और व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

अव्यवस्थित भीड़ प्रबंधन

इस एयर शो में अनुमान से कहीं अधिक लोग पहुंचे, जो आयोजकों को अचंभित कर गया। दो दशकों के बाद चेन्नई में यह पहला एयर शो था, जिसमें 72 विमानों के प्रदर्शन को देखने के लिए लगभग 15 लाख लोग एकत्र हुए। इस भीड़ ने मरीना बीच के निकासी बिंदुओं को बाधित कर दिया, जिससे वहां भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि 40 मिनट तक लोग वहां से बाहर नहीं निकल पाए और कई लोगों ने इसे “दम घुटने” वाला अनुभव बताया।

एयर शो सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक आयोजित किया गया, जबकि लोग सुबह 8 बजे से ही आना शुरू हो गए थे। तेज गर्मी और उच्च आर्द्रता के बीच हजारों लोगों ने बिना छाया और पानी के लगभग तीन घंटे बिताए। प्रशासन ने सुरक्षा के नाम पर आसपास की पानी की दुकानों को भी हटा दिया, जिससे पानी की उपलब्धता न के बराबर हो गई। पानी की सार्वजनिक व्यवस्था न होने के कारण कई लोगों को डीहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) और हीट स्ट्रोक की समस्या का सामना करना पड़ा।

सार्वजनिक परिवहन की कमी

बड़ी संख्या में लोग बसों, ट्रेनों और चेन्नई मेट्रो का सहारा लेकर कार्यक्रम स्थल तक पहुंचे। इससे इन सभी सेवाओं पर अत्यधिक दबाव पड़ा, जिससे ये सभी यातायात साधन भीड़ से भर गए। आसपास की सड़कों पर भारी जाम लग गया और लोगों को गर्मी में मरीना बीच तक पैदल चलने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस दौरान हुए हादसों में पांच लोगों की मौत हो गई। इनमें से एक 34 वर्षीय कार्तिकेयन की मौत हुई, जो अपने परिवार के साथ पैदल घर जा रहे थे। इसी तरह 56 वर्षीय डी. जॉन और अन्य तीन की भी गर्मी और निर्जलीकरण के कारण मौत हो गई।

चेन्नई के विभिन्न अस्पतालों, जैसे राजीव गांधी सरकारी जनरल अस्पताल, ओमंडुरार अस्पताल और सरकारी रॉयपेट्टा अस्पताल, में हीट स्ट्रोक और निर्जलीकरण से पीड़ित लगभग 100 लोगों का इलाज किया गया। कई मरीजों की हालत उनकी पहले से मौजूद बीमारियों के कारण और बिगड़ गई।

सरकार की प्रतिक्रिया

इस दुखद घटना के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने यह भी माना कि सरकार ने IAF शो के लिए अपेक्षा से अधिक प्रशासनिक सहयोग और सुविधाएं प्रदान की थीं, लेकिन जनता की भारी उपस्थिति से पैदा हुई समस्याओं से निपटने में कुछ कठिनाइयां सामने आईं। मुख्यमंत्री ने भविष्य में इस तरह के बड़े आयोजनों की बेहतर योजना बनाने और व्यवस्थाओं में सुधार करने की बात कही।

यह कार्यक्रम भारतीय वायुसेना की शक्तियों का प्रदर्शन करने के लिए था, लेकिन खराब योजना और भीड़ नियंत्रण के कारण यह त्रासदी में बदल गया। मरीना बीच पर हुई इस घटना ने एक बार फिर याद दिलाया कि किसी भी बड़े आयोजन में जनता की सुरक्षा और सुविधा को सर्वोपरि रखा जाना चाहिए। उम्मीद की जाती है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से सबक लिया जाएगा और बेहतर प्रबंधन और तैयारी सुनिश्चित की जाएगी।

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Team K.H.
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