मुख्य बिंदु:
- अभिनेत्री रान्या राव को 3 मार्च 2025 को बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 14.2 किलोग्राम सोने के साथ गिरफ्तार किया गया।
- उनके वकील ने डीआरआई द्वारा प्राप्त शारीरिक तलाशी की सहमति पर सवाल उठाया है।
- अदालत ने 27 मार्च को जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है।
जमानत सुनवाई में अभिनेत्री रान्या राव के वकील ने डीआरआई (DRI) की शारीरिक तलाशी सहमति पर उठाए सवाल
बेंगलुरु की अभिनेत्री रान्या राव को 3 मार्च 2025 को केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 14.2 किलोग्राम सोने के साथ गिरफ्तार किया गया था। डीआरआई अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने स्वेच्छा से शारीरिक तलाशी के लिए सहमति दी थी, लेकिन उनके वरिष्ठ वकील किरण जावली ने इस सहमति की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए हैं।
जावली का कहना है कि डीआरआई ने दो अलग-अलग संस्करणों में सहमति पत्र प्रस्तुत किए हैं, जिससे प्रक्रिया की वैधता पर संदेह उत्पन्न होता है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि डीआरआई ने कस्टम्स एक्ट की धारा 102 के तहत आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है, जिसमें शारीरिक तलाशी से पहले लिखित सहमति लेना अनिवार्य है।
डीआरआई के वरिष्ठ वकील मधु एन राव ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि गिरफ्तारी की प्रक्रिया पूरी तरह से कानूनी मानकों के अनुसार की गई है और रान्या राव को गिरफ्तारी के कारणों की जानकारी दी गई थी।
अदालत ने रान्या राव की जमानत याचिका पर फैसला 27 मार्च तक सुरक्षित रखा है। इस बीच, डीआरआई ने उनके सहयोगी, तेलुगु अभिनेता तरुण कोंडुरु राजू उर्फ विराट कोंडुरु को भी गिरफ्तार किया है, जिन पर दुबई से सोना तस्करी में शामिल होने का आरोप है।
रान्या राव की दुबई यात्राओं की उच्च संख्या, विशेष रूप से जनवरी 2025 से 27 यात्राएं, और उनके पास दुबई निवासी पहचान पत्र होने के कारण, जांच एजेंसियों का ध्यान उनकी गतिविधियों की ओर आकर्षित हुआ।
यह मामला न केवल कानूनी प्रक्रियाओं की सटीकता पर प्रकाश डालता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे प्रभावशाली व्यक्तियों की गतिविधियों पर सतर्क निगरानी आवश्यक है।