फिल्म निर्देशक किरण राव की फिल्म Laapataa Ladies का ऑस्कर 2025 की अंतरराष्ट्रीय फीचर फिल्म कैटेगरी से बाहर होना भारतीय सिनेमा के लिए एक बड़ा झटका है। इस खबर से फिल्म की पूरी टीम में निराशा है, लेकिन अभिनेता छाया कदम ने हार न मानने का संदेश दिया है।
छाया कदम ने क्या कहा?
छाया कदम, जो इस फिल्म में मंजू माई की भूमिका में नजर आईं, ने एक साक्षात्कार में अपनी भावनाएं साझा कीं। उन्होंने कहा:
“देखो ना, क्या करें! मैं वाकई में बहुत निराश हूं। हमने अपनी फिल्म के लिए बहुत बड़े सपने देखे थे।”
हालांकि, उन्होंने इस मुश्किल घड़ी में सकारात्मकता बनाए रखने पर जोर दिया। छाया ने कहा:
“कोई बात नहीं। हम अपनी आने वाली फिल्मों के लिए संघर्ष करते रहेंगे। अगली बार हम फिर ऑस्कर जाएंगे और इस बार से आगे बढ़ेंगे।”
किरण राव से बातचीत का जिक्र
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने निर्देशक किरण राव से बात की है, तो छाया ने कहा:
“सच कहूं, तो मैंने अभी उनसे बात नहीं की है। मैं उन्हें थोड़ा समय देना चाहती हूं। वह अमेरिका से अभी लौटी हैं, जहां वह करीब एक महीने से थीं।”
Oscars Shortlist में भारत की उम्मीदें बरकरार
हालांकि Laapataa Ladies इस बार ऑस्कर की रेस से बाहर हो गई है, लेकिन भारत की उम्मीदें अभी खत्म नहीं हुई हैं। गुनीत मोंगा की शॉर्ट फिल्म Anuja को बेस्ट लाइव-एक्शन शॉर्ट फिल्म कैटेगरी में शॉर्टलिस्ट किया गया है।
भारतीय सिनेमा का संघर्ष जारी
यह पहली बार नहीं है जब भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर चुनौतियों का सामना करना पड़ा हो। लेकिन हर बार, हमारी फिल्में नई ऊंचाइयों को छूती हैं। छाया कदम का कहना है कि भारतीय सिनेमा की ताकत इसकी कहानियों में है और हमें इसे बार-बार साबित करना होगा।
Laapataa Ladies की खासियतें
किरण राव की इस फिल्म में महिलाओं की स्वतंत्रता और उनके संघर्षों को अनूठे अंदाज में पेश किया गया है। फिल्म ने न केवल आलोचकों बल्कि दर्शकों के दिलों में भी खास जगह बनाई।
भविष्य की राह
छाया कदम और उनकी टीम अब अगली फिल्मों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उनका कहना है:
“हम कभी रुकने वाले नहीं हैं। भारतीय सिनेमा को और ऊंचा उठाने के लिए हम पूरी मेहनत करेंगे।”
Oscars 2025 में भारत की आगे की उम्मीदें
भले ही Laapataa Ladies इस बार बाहर हो गई है, लेकिन अन्य फिल्में अभी भी दौड़ में हैं। भारत की फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का सपना अभी बाकी है।
Oscars Shortlist से बाहर होना भले ही निराशाजनक है, लेकिन छाया कदम और उनकी टीम ने हार न मानने का वादा किया है। भारतीय सिनेमा के लिए यह एक नई शुरुआत है, और आने वाले सालों में हमें और भी बड़ी उपलब्धियां देखने को मिलेंगी।