Key Highlights:
- नेहा सिंह राठौर एक मशहूर भोजपुरी लोकगायिका हैं।
- बिहार के कैमूर जिले से आती हैं।
- उनके “यूपी में का बा?” और “बिहार में का बा?” गाने सोशल मीडिया पर वायरल हुए।
- सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने के लिए कई बार विवादों में आईं।
- 2022 में हिमांशु सिंह से शादी की।
- हाल ही में उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हुईं।
कौन हैं नेहा सिंह राठौर? एक साधारण लड़की से जन आवाज बनने तक का सफर
जब कोई साधारण मध्यमवर्गीय परिवार से निकली लड़की अपनी आवाज़ से पूरे देश में हलचल मचा देती है, तो जानना ज़रूरी हो जाता है कि वह कौन है। नेहा सिंह राठौर, बिहार के कैमूर जिले से आने वाली एक लोकगायिका हैं, जिन्होंने अपनी सधी हुई आवाज और सवाल पूछने की बेबाकी से लाखों दिलों में जगह बनाई है।
नेहा का जन्म साल 1997 में बिहार के कैमूर जिले में हुआ था। मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी नेहा के लिए जीवन आसान नहीं था। लेकिन उनका सपना बड़ा था – समाज की सच्चाई को अपनी आवाज़ के जरिए सामने लाना। उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ संगीत में भी रुचि रखी और जल्द ही भोजपुरी भाषा में लोकगायकी की दुनिया में कदम रखा।
करियर की शुरुआत: जब गानों ने दिल जीत लिए
नेहा पहली बार सुर्खियों में तब आईं जब उन्होंने “इलाहाबाद यूनिवर्सिटी” पर एक लोकगीत गाया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद उनके गाने “बिहार में का बा?”, “यूपी में का बा?” और “यूपी में का बा? पार्ट 2” ने उन्हें आम जनता का चहेता बना दिया। इन गानों के जरिए नेहा ने मंहगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और सरकारी नाकामियों पर करारा व्यंग किया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे यूट्यूब और फेसबुक पर उनके चाहने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी। नेहा का अंदाज आम लोगों से जुड़ा हुआ था — साफ, सीधा और सवाल पूछने वाला।
साल 2022 में नेहा ने हिमांशु सिंह से शादी की। हिमांशु एक पेशेवर लेखक हैं और अंबेडकर नगर के रहने वाले हैं। उन्होंने प्रयागराज विश्वविद्यालय से पढ़ाई की और दिल्ली में उच्च शिक्षा ली। नेहा के लिए हिमांशु सिर्फ जीवनसाथी नहीं, बल्कि संघर्ष के सफर में एक मजबूत साथी भी हैं।
विवादों में क्यों रहीं नेहा सिंह राठौर?
नेहा का नाम विवादों से भी जुड़ा रहा है।
- पहला बड़ा विवाद तब हुआ जब उन्होंने कोरोना काल के दौरान योगी सरकार पर तंज कसते हुए “यूपी में का बा?” गाना गाया। इस गाने में उन्होंने कोविड-19 की कुप्रबंधन, हाथरस कांड जैसे गंभीर मुद्दों पर आवाज उठाई।
- दूसरी बार, कानपुर देहात की घटना पर “यूपी में का बा? पार्ट 2” गाने के बाद पुलिस ने उन्हें नोटिस भेजा।
- हाल ही में, पहलगाम आतंकी हमले पर केंद्र सरकार को लेकर की गई उनकी सोशल मीडिया पोस्ट पर लखनऊ के हजरतगंज थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। आरोपों में कहा गया कि उनके पोस्ट ने धर्म और जाति के बीच नफरत फैलाने की कोशिश की और राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डाला।
नेहा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि एक आम लड़की का लोकतंत्र में सवाल पूछना भी गुनाह बन चुका है।
नेहा सिंह राठौर का नजरिया
एफआईआर के बाद नेहा ने अपने पोस्ट में साफ कहा कि उनके पास वकील की फीस देने तक के पैसे नहीं हैं। उन्होंने अपने अकाउंट में सिर्फ 519 रुपये होने की बात कही, जिसमें से 500 रुपये तबला वादक को देकर उन्होंने नया गाना रिकॉर्ड किया। यह बयान उनके संघर्ष और जज्बे की मिसाल बन गया।
क्यों जरूरी है नेहा सिंह राठौर जैसी आवाज़ों का होना?
नेहा सिंह राठौर सिर्फ एक लोकगायिका नहीं हैं, बल्कि वह आज के दौर की एक बहादुर आवाज़ हैं, जो सत्ता से सवाल पूछने की हिम्मत करती हैं। उनका सफर बताता है कि एक आम लड़की भी अगर सच्चाई और हिम्मत से भरी हो, तो वह देशभर में हलचल मचा सकती है। आज जब बोलने की आज़ादी पर सवाल उठ रहे हैं, नेहा जैसी आवाजें उम्मीद की किरण बनकर सामने आती हैं।
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