पीएम मोदी ने संसद में देखी ‘साबरमती रिपोर्ट’, बोले- फिल्म निर्माताओं का प्रयास सराहनीय

प्रधानमंत्री मोदी ने कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के साथ देखी फिल्म, पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद देखी कोई फिल्म।

PM Modi watched 'Sabarmati Report' in Parliament, said- efforts of the filmmakers are commendable
PM Modi watched 'Sabarmati Report' in Parliament, said- efforts of the filmmakers are commendable
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद भवन के बालयोगी ऑडिटोरियम में फिल्म ‘साबरमती रिपोर्ट’ देखी। इस मौके पर उनके साथ केंद्रीय मंत्रियों अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, और भाजपा के सहयोगी नेता जीतन राम मांझी समेत अन्य सांसद मौजूद रहे।

फिल्म ‘साबरमती रिपोर्ट’ 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगने और उसके बाद हुई घटनाओं पर आधारित है। फिल्म ने उस घटना की सच्चाई को उजागर करने का दावा किया है, जिसमें अयोध्या से लौट रहे 59 श्रद्धालुओं की जान गई थी।

प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया

फिल्म देखने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर फिल्म के निर्माताओं की सराहना करते हुए लिखा, “फिल्म के प्रयास सराहनीय हैं।” यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने कोई फिल्म देखी।

फिल्म में कलाकारों का उत्साह

फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाले विक्रांत मैसी ने इसे प्रधानमंत्री के साथ देखने का अनुभव अविस्मरणीय बताया। उन्होंने कहा, “यह मेरे करियर का सबसे बड़ा क्षण है। मैं सभी से अपील करता हूं कि वे यह फिल्म जरूर देखें।”

वहीं, दिग्गज अभिनेता जितेंद्र, जो अपनी बेटी एकता कपूर (फिल्म की निर्माता) के कारण वहां उपस्थित थे, ने कहा, “यह पहली बार है जब मैंने प्रधानमंत्री के साथ कोई फिल्म देखी। उन्होंने बताया कि यह फिल्म उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार देखी।” अभिनेत्री राशी खन्ना ने भी इसे गर्व का पल बताया।

फिल्म और राजनीतिक संदर्भ

फिल्म को भाजपा ने सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया है और इसे कई राज्यों में कर मुक्त किया गया है। फिल्म ने गोधरा कांड की पृष्ठभूमि और उसके बाद हुए दंगों पर ध्यान केंद्रित किया है। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। गुजरात पुलिस ने इस घटना के लिए मुस्लिम भीड़ को दोषी ठहराया था। बाद में कई आरोपी दोषियों को अदालत ने सजा सुनाई।

हालांकि, तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा नियुक्त एक जांच आयोग ने इसे एक दुर्घटना बताया था। गुजरात उच्च न्यायालय ने इस आयोग की रिपोर्ट को रद्द करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया था।

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