फिल्मी दुनिया में काम करने वाले कलाकारों के लिए सेट पर बिताए गए पल केवल काम तक सीमित नहीं होते। वे पल यादों और अनुभवों से भरपूर होते हैं, जिनमें दोस्ती, मस्ती और कभी-कभी मजाक भी शामिल होता है। जब यह मजाक उस व्यक्ति के द्वारा किया गया हो जिसे आप बेहद सम्मान देते हैं, तो वह अनुभव और भी खास हो जाता है। शरारत और दोस्ती की एक ऐसी ही कहानी है फिल्म ‘सत्ते पे सत्ता’ के सेट की, जब मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने अभिनेता शक्ति कपूर के साथ एक मजाक किया, जिससे शक्ति कपूर की आंखों में आंसू आ गए थे।
‘सत्ते पे सत्ता’ का वह यादगार दिन
यह किस्सा 1982 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘सत्ते पे सत्ता’ के शूटिंग के दौरान का है। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, अमजद खान, रंजीता कौर, सचिन पिलगांवकर और शक्ति कपूर जैसे बड़े सितारे शामिल थे। यह फिल्म अपने समय की सुपरहिट फिल्मों में से एक थी, जो कि सात भाइयों की कहानी पर आधारित थी।
फिल्म के एक गाने ‘डुक्की पे डुक्की हो’ की शूटिंग के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसने शरारत का एक अनोखा उदाहरण पेश किया। शक्ति कपूर को इस गाने में एक खास संवाद बोलना था, जिसका वह बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
अमिताभ बच्चन की शरारत
शक्ति कपूर ने एक इंटरव्यू में इस किस्से को याद करते हुए बताया कि कैसे अमिताभ बच्चन ने उनके संवाद को ‘चुरा’ लिया था। शक्ति कपूर ने कहा, “हम ‘डुक्की पे डुक्की हो’ गाने की शूटिंग कर रहे थे। मेरा दूसरा संवाद गाने में था। मैं शॉट का इंतजार कर रहा था और जब मेरा संवाद आने वाला था, मैंने देखा कि अमिताभ बच्चन मेरे स्थान पर वह संवाद बोल रहे हैं। उस समय मुझे लगा कि मेरा करियर खत्म हो गया है। मैंने सोचा, ‘अमिताभ बच्चन मेरे संवाद बोल रहे हैं, वह तो सुपरस्टार हैं, वह कुछ भी कर सकते हैं। मेरा संवाद ले लिया गया है।’”
शक्ति कपूर का रिएक्शन और सेट पर मस्ती का माहौल
शक्ति कपूर की प्रतिक्रिया काफी दिलचस्प थी। वह इस बात से इतने आहत हो गए थे कि उन्होंने सेट पर निर्देशक से शिकायत कर दी। उन्होंने कहा, “मैं निर्देशक के पास गया और कहा, ‘यह ठीक नहीं है।’ तब तक सेट पर छुपे हुए सभी छह कलाकार, जो झाड़ियों के पीछे बैठे थे, मेरी प्रतिक्रिया देख रहे थे और जैसे ही उन्होंने मुझे रोते हुए देखा, वे तालियां बजाने लगे। वे सब यह जानते थे कि मैं अपने संवाद और दृश्यों को लेकर बहुत गंभीर हूं, इसलिए उन्होंने मुझसे यह मजाक किया। तब अमिताभ बच्चन ने निर्देशक से कहा कि मुझे 3-4 और शॉट्स दिए जाएं, नहीं तो मैं मर जाऊंगा।” शरारत का यह माहौल इतना हल्का-फुल्का था कि इसे सबने बहुत आनंदित होकर लिया।
यह मजाक इसलिए भी खास था क्योंकि यह दिखाता है कि अमिताभ बच्चन और शक्ति कपूर के बीच कितना अच्छा रिश्ता था। यह घटना दर्शाती है कि सेट पर काम केवल गंभीरता तक सीमित नहीं होता, बल्कि वह मस्ती और दोस्ती का भी एक माध्यम होता है।
अमिताभ बच्चन की विनम्रता और शरारत का अंदाज़
अमिताभ बच्चन, जिन्हें बॉलीवुड का ‘शहंशाह’ कहा जाता है, अपने अभिनय के साथ-साथ अपने विनम्र स्वभाव के लिए भी जाने जाते हैं। उनके व्यक्तित्व में एक विशेष गुण है कि वह अपने सह-कलाकारों के साथ हमेशा हंसमुख और सहयोगी रहते हैं। यह घटना भी इसी का प्रमाण है कि वे बड़े से बड़े मजाक को भी सहजता से लेते हैं और दूसरों को भी आनंदित करते हैं।
इस घटना में यह भी देखा जा सकता है कि कैसे अमिताभ बच्चन ने शरारत के बाद स्थिति को संभाला। जब शरारत से शरमिंदा हुए शक्ति कपूर रोने लगे, तब अमिताभ ने स्थिति को हल्का करने के लिए निर्देशक से अनुरोध किया कि उन्हें और शॉट्स दिए जाएं। यह केवल मजाक नहीं था, बल्कि यह एक तरीके से शरारत के माध्यम से एक गहरे रिश्ते को प्रदर्शित करता है।
शक्ति कपूर का करियर और ‘सत्ते पे सत्ता’ के बाद की कहानी
शक्ति कपूर का करियर बॉलीवुड में बेहद सफल रहा है। उन्होंने कई फिल्मों में विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं निभाई हैं, जिनमें से कुछ कॉमिक रोल्स हैं तो कुछ नेगेटिव किरदार। ‘सत्ते पे सत्ता’ में उनकी भूमिका उनके करियर के शुरुआती दौर की एक महत्वपूर्ण भूमिका थी।
‘सत्ते पे सत्ता’ के बाद, शक्ति कपूर ने कई फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभाईं, जिसमें उनकी कॉमिक टाइमिंग और डायलॉग डिलीवरी ने उन्हें एक अलग पहचान दिलाई। शक्ति कपूर ने हिंदी सिनेमा में अपने खास अंदाज से दर्शकों का दिल जीता और वे आज भी फिल्मों और टेलीविजन पर सक्रिय हैं। हाल ही में, वह रणबीर कपूर की फिल्म ‘एनिमल’ में नजर आए थे, जो पिछले साल रिलीज हुई थी।
‘सत्ते पे सत्ता’ की यादें और कलाकारों का बंधन
फिल्म ‘सत्ते पे सत्ता’ के सेट पर बिताए गए पल आज भी उन कलाकारों की यादों में ताजा हैं। इस फिल्म ने न केवल दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई, बल्कि इसके कलाकारों के बीच एक गहरा बंधन भी बना। अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, अमजद खान, सचिन पिलगांवकर, और अन्य कलाकारों ने मिलकर इस फिल्म को एक आइकॉनिक फिल्म बना दिया।
इस फिल्म की शूटिंग के दौरान कई ऐसी घटनाएं हुईं जो कलाकारों के दिलों में हमेशा के लिए बस गईं। शरारतें, हंसी-मजाक और एक-दूसरे के साथ बिताए गए ये पल न केवल फिल्म की शूटिंग को आसान बनाते हैं, बल्कि वे यादों में हमेशा के लिए बस जाते हैं।
सारांश
अमिताभ बच्चन और शक्ति कपूर के बीच का यह किस्सा दर्शाता है कि कैसे फिल्म सेट पर हंसी-मजाक का एक खास स्थान होता है। यह घटना केवल एक मजाक नहीं थी, बल्कि एक गहरे रिश्ते और आपसी सम्मान का प्रमाण भी थी। अमिताभ बच्चन और शक्ति कपूर के बीच की यह दोस्ती और सम्मान उनकी फिल्मों में भी झलकता है।
आज, जब हम इस घटना को याद करते हैं, तो यह हमें बताता है कि फिल्मी दुनिया में केवल अभिनय ही नहीं, बल्कि कलाकारों के बीच की यह शरारतें और मस्ती भी फिल्म निर्माण का एक अहम हिस्सा होती हैं। ऐसे किस्से न केवल उन कलाकारों के लिए, बल्कि दर्शकों के लिए भी एक अनमोल धरोहर होते हैं।
शक्ति कपूर के जन्मदिन के अवसर पर, इस किस्से को याद करना हमें फिल्म ‘सत्ते पे सत्ता’ की यादों में ले जाता है और हमें यह एहसास कराता है कि कैसे एक छोटी सी शरारत भी किसी के जीवन में हमेशा के लिए एक खास स्थान बना सकती है।