Key Highlights
- कुल ऊर्जा क्षमता: भारत में कुल पावर जनरेशन क्षमता लगभग 450 GW, जिसमें 53.9% जीवाश्म ईंधन और 46.1% गैर-जीवाश्म ईंधन शामिल हैं।
- नवीनीकरण ऊर्जा: सौर और पवन ऊर्जा का योगदान 33.9% है, और 2024-25 में 1900 बिलियन यूनिट उत्पादन का लक्ष्य।
- शेयर मूल्य: Adani Green Energy Ltd के शेयर Rs 767.95 पर ट्रेड हो रहे हैं, जो पिछले बंद के मुकाबले 0.79% की गिरावट दर्शाते हैं।
- मार्केट प्रेशर: पिछले छह महीनों में 57% से अधिक गिरावट, श्रीलंका की दो पवन परियोजनाओं से वापसी और $1 बिलियन के प्रोजेक्ट लागत में कटौती की बातचीत ने बाजार में चिंता पैदा की।
- ऑपरेशनल हाइलाइट्स: ऊर्जा बिक्री में 23% वृद्धि, 9M FY24 में 20 बिलियन यूनिट्स, और Khavda प्रोजेक्ट के तहत विश्व का सबसे बड़ा नवीनीकरण ऊर्जा संयंत्र बनाने की तैयारी।
- भविष्य की योजनाएं: 6-8 GW क्षमता अगले वित्त वर्ष में, तीन पम्प्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट और 2030 तक 50 GW का लक्ष्य।
पिछले छह महीनों में Adani Group के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट के प्रमुख कारणों में कंपनी के कुछ नवीनीकरण ऊर्जा प्रोजेक्ट्स से वापसी, विशेषकर श्रीलंका में दो पवन परियोजनाओं से निकलना शामिल है। इस घटना ने बाजार में बेचने का दबाव बढ़ा दिया है, जिससे शेयरों के मूल्य में तीव्र गिरावट हुई है।
पावर सेक्टर और नवीनीकरण ऊर्जा की स्थिति
भारत का पावर जनरेशन सेक्टर कुल मिलाकर लगभग 450 GW की क्षमता रखता है। जीवाश्म ईंधन 53.9% और गैर-जीवाश्म ईंधन 46.1% योगदान करते हैं। इस बीच, सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीनीकरण स्रोतों का योगदान 33.9% है, जो 2024-25 में 1900 बिलियन यूनिट्स उत्पादन के लक्ष्य के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि नवीनीकरण ऊर्जा की ओर बदलाव हो रहा है, लेकिन पारंपरिक स्रोत अभी भी अपनी जगह बनाए हुए हैं।
शेयर मूल्य में गिरावट का विश्लेषण
Adani Green Energy Ltd का बाजार मूल्य लगभग Rs 1.21 लाख करोड़ है। हाल ही में शेयरों की ट्रेडिंग Rs 767.95 प्रति शेयर पर हो रही है, जो पिछले Rs 774.05 की तुलना में 0.79% की गिरावट को दिखाता है। लेकिन इसके विपरीत, Gautam Adani द्वारा समर्थित नवीनीकरण ऊर्जा फर्म के शेयरों में पिछले छह महीनों में 57% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। इस गिरावट का मुख्य कारण श्रीलंका में दो पवन परियोजनाओं से वापसी है। श्रीलंकाई सरकार ने हाल ही में परियोजना के अनुमानित $1 बिलियन लागत में कटौती के लिए Adani Group के साथ बातचीत शुरू कर दी है, जिससे बाजार में अनिश्चितता और बेचने का दबाव बढ़ा है।
ऑपरेशनल और वित्तीय हाइलाइट्स
कंपनी की ऊर्जा बिक्री में 9M FY24 में साल दर साल 23% की वृद्धि हुई है, जिससे 20 बिलियन यूनिट्स की उपलब्धता हुई है। पावर सप्लाई राजस्व में 18% की बढ़ोतरी के साथ Rs 6,829 करोड़ तक पहुंच गई है, जबकि EBITDA Rs 6,366 करोड़ रहा। कैश प्रॉफिट में भी 23% की बढ़ोतरी से Rs 3,630 करोड़ हासिल हुए हैं। साथ ही, कंपनी ने 3.1 GW की नई क्षमता जोड़कर अपना कुल पोर्टफोलियो 11.6 GW तक बढ़ा दिया है।
रणनीतिक पहलकदमियाँ और भविष्य की योजनाएं
Adani Group नवीनीकरण ऊर्जा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करने के लिए Khavda प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रहा है, जो विश्व का सबसे बड़ा नवीनीकरण ऊर्जा संयंत्र बनने की ओर अग्रसर है। कंपनी ने अपने कर्मचारियों की संख्या 12,000 तक बढ़ाने का भी लक्ष्य रखा है। इस वित्त वर्ष में 5 GW अतिरिक्त क्षमता जोड़ने की योजना है, जिसमें 4.3 GW वर्ष के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है। 2030 तक कुल 50 GW की क्षमता हासिल करने की दिशा में कंपनी ने 85% लम्बी अवधि के PPAs और 15% C&I/merchant अनुबंध किए हुए हैं।
आने वाले वित्त वर्ष में कंपनी 6-8 GW क्षमता जोड़ने की योजना बना रही है। साथ ही, तीन पम्प्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स पर भी काम चल रहा है, जिनमें से Chitravathi प्रोजेक्ट FY2027 तक 500 MW क्षमता जोड़ने की उम्मीद है। ये योजनाएं दर्शाती हैं कि कंपनी न केवल मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए तत्पर है, बल्कि भविष्य में अपनी नवीनीकरण ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने के लिए भी ठोस रणनीति अपना रही है।
प्रबंधन की टिप्पणियाँ
कंपनी के प्रबंधन ने बताया कि मजबूत ऑपरेशंस, रणनीतिक क्षमता विस्तार और उत्तम कॉर्पोरेट गवर्नेंस के साथ वे बाजार की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उनका मानना है कि वर्तमान बाजार परिस्थितियों के बावजूद, नवीनीकरण ऊर्जा के क्षेत्र में उनकी अग्रणी स्थिति उन्हें दीर्घकालिक सफलता दिलाएगी।
Adani Group के शेयरों में भारी गिरावट के पीछे कई कारक शामिल हैं, जिनमें प्रमुख रूप से श्रीलंका की पवन ऊर्जा परियोजनाओं से वापसी और परियोजना लागत में कटौती की चर्चाएँ शामिल हैं। हालांकि, कंपनी के मजबूत ऑपरेशनल आंकड़े, रणनीतिक पहलकदमियाँ और भविष्य की परियोजनाएं दर्शाती हैं कि ये चुनौतियां अस्थायी हो सकती हैं। निवेशकों के लिए यह जरूरी है कि वे विस्तृत विश्लेषण और कंपनी की दीर्घकालिक योजनाओं को समझते हुए अपने निवेश निर्णय लें।
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