भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बिक्री नवंबर 2024 में फेस्टिव सीजन की तेजी के बाद 12% घटकर 1,91,554 यूनिट्स पर पहुंच गई। यह आंकड़ा अक्टूबर 2024 में दर्ज 2,19,021 यूनिट्स से कम है। हालांकि, साल-दर-साल (Y-o-Y) आधार पर, नवंबर 2023 के 1,45,197 यूनिट्स की तुलना में 31% की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई। यह जानकारी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के वाहन डेटा से मिली है।
सभी सेगमेंट में गिरावट, चार-पहिया वाहनों पर सबसे ज्यादा असर
इलेक्ट्रिक वाहनों के हर सेगमेंट ने मासिक आधार पर गिरावट दर्ज की।
- दो-पहिया (e2Ws): 15% की गिरावट, नवंबर में 1,18,944 यूनिट्स।
- तीन-पहिया (e3Ws): केवल 5% की गिरावट, नवंबर में 63,415 यूनिट्स।
- चार-पहिया (e4Ws): 25% की भारी गिरावट, अक्टूबर के 11,587 यूनिट्स से घटकर नवंबर में 8,782 यूनिट्स।
दिल्ली में स्थिर रही EV बिक्री
दिल्ली में EV पंजीकरण स्थिर रहा, जहां नवंबर में केवल 1% से कम की मामूली गिरावट हुई। कुल 7,091 यूनिट्स पंजीकृत हुईं, जो अक्टूबर की 7,141 यूनिट्स से थोड़ी कम थीं।
त्योहारों के बाद मांग में कमी, लेकिन Y-o-Y आधार पर उत्साहजनक वृद्धि
नवंबर में दर्ज की गई मासिक गिरावट केवल अल्पकालिक हो सकती है। Y-o-Y आधार पर 31% की वृद्धि दर्शाती है कि भारत में EV अपनाने का रुझान मजबूत बना हुआ है। 2024 के पहले 11 महीनों में EV बिक्री 1.8 मिलियन का आंकड़ा पार कर गई है।
नीतिगत बदलाव और प्रोत्साहन का असर
हाल ही में, भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) ने PM Electric Drive Revolution in Innovative Vehicle Enhancement (PM E-DRIVE) योजना के तहत कार्गो e3Ws के लिए सब्सिडी बहाल की। हालांकि, सब्सिडी घटाकर ₹25,000 प्रति वाहन कर दी गई, जो पहले ₹50,000 थी। यह कदम EV सेक्टर के विकास को संतुलित करने और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के सरकार के उद्देश्य को दर्शाता है।
नवंबर 2024 के आंकड़े अल्पकालिक गिरावट का संकेत देते हैं, लेकिन Y-o-Y वृद्धि से स्पष्ट है कि भारत का EV सेक्टर दीर्घकालिक रूप से प्रगति पर है। उद्योग और सरकार की संयुक्त पहल भारत को स्थायी और स्वच्छ परिवहन की दिशा में आगे बढ़ा रही है।
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