महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के वोटों की गिनती शनिवार सुबह शुरू हुई, और शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना-एनसीपी के महायुति गठबंधन ने विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) पर बड़ी बढ़त बना ली है। सुबह 8:35 बजे तक महायुति 68 सीटों पर आगे चल रही थी, जबकि MVA केवल 17 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
रुझानों में NDA की बढ़त
288 सीटों वाले महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है। इस बार के चुनाव में महायुति को 155 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि MVA 120 सीटों तक सीमित रह सकती है।
शुरुआती रुझान पोस्टल बैलेट के आधार पर हैं और दिनभर में तस्वीर बदल सकती है।
क्या कह रहे हैं एग्जिट पोल?
NDTV द्वारा विश्लेषण किए गए 11 एग्जिट पोल में से केवल एक ने MVA की जीत की संभावना जताई थी। बाकी सभी ने NDA की जीत का अनुमान लगाया था।
- Axis-My India और Chanakya जैसे एग्जिट पोल ने NDA को 175+ सीटों की संभावना जताई है।
- केवल Electoral Edge ने MVA को मामूली बढ़त के साथ जीत का दावा किया है।
हालांकि, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने इन एग्जिट पोल को “भ्रमित करने वाला” बताया है।
बढ़ी हुई वोटिंग प्रतिशत के मायने
इस बार मतदान प्रतिशत 65.1% रहा, जो पिछले एक दशक में सबसे अधिक है। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने इसे मौजूदा सरकार के पक्ष में बताया, जबकि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अधिक मतदान विपक्ष के पक्ष में जा सकता है।
मुख्यमंत्री पद की रेस
चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए NDA और MVA के बीच खींचतान तय है।
- महायुति में शिवसेना (शिंदे गुट) के लिए एकनाथ शिंदे को दोबारा सीएम बनाने की मांग की जा रही है।
- वहीं, भाजपा के नेता देवेंद्र फडणवीस इस दौड़ में प्रमुख दावेदार हैं।
- अजित पवार का एनसीपी गुट “किंगमेकर” की भूमिका निभाने का दावा कर रहा है।
2019 में क्या हुआ था?
2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने बहुमत हासिल किया था। लेकिन सत्ता-साझेदारी को लेकर शिवसेना (उद्धव गुट) ने भाजपा से नाता तोड़ लिया और कांग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बनाई।
2022 में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई और भाजपा ने शिंदे गुट के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई।
नतीजे क्यों महत्वपूर्ण हैं?
महाराष्ट्र के इस चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए एक अहम परीक्षा माना जा रहा है। महायुति की बढ़त न केवल महाराष्ट्र में, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के लिए मजबूत संदेश होगी।
आने वाले घंटों में तस्वीर साफ होगी कि महाराष्ट्र में महायुति का दबदबा कायम रहेगा या MVA कोई चमत्कार दिखा पाएगी।
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