मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर महायुति और महाविकास आघाड़ी (एमवीए) दोनों गुटों में आंतरिक तनाव साफ झलक रहा है। राज्य की 288 सीटों पर मतदान समाप्त होते ही दोनों गठबंधन मुख्यमंत्री पद के लिए अपने-अपने दावे पेश कर रहे हैं।
महायुति में सीएम पद की जंग
महायुति गठबंधन के तहत, शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने कहा कि चुनाव मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ा गया, और वे स्वाभाविक रूप से मुख्यमंत्री पद के लिए पहली पसंद हैं। हालांकि, बीजेपी नेता प्रवीन दरेकर ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के नाम का समर्थन किया। एनसीपी नेता अमोल मिटकरी ने अपने दल के प्रमुख अजित पवार के लिए सीएम पद का दावा किया।
दरेकर ने कहा, “महायुति के तीनों घटक दल मिलकर सीएम का चयन करेंगे। एमवीए को सरकार बनाने का मौका नहीं मिलेगा।” उन्होंने एमवीए में जारी आंतरिक कलह पर तंज कसते हुए कांग्रेस सांसद प्रणिति शिंदे द्वारा सोलापुर में शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय को समर्थन देने का जिक्र किया।
MVA में भी खटपट
महाविकास आघाड़ी में भी मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद सामने आए हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने दावा किया कि कांग्रेस सबसे ज्यादा सीटें जीतेगी और सीएम कांग्रेस का होगा। उनके बयान से शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत नाराज हुए और कहा, “सीएम का फैसला सभी गठबंधन साझेदार मिलकर करेंगे।”
राउत ने कांग्रेस हाईकमान से स्पष्टता की मांग करते हुए कहा कि अगर पटोले को चुना गया है, तो मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, या राहुल गांधी को इसकी घोषणा करनी चाहिए।
उच्च मतदान और महिला समर्थन का बढ़ता प्रभाव
चुनाव आयोग के अनुसार, इस बार 66.05% मतदान हुआ, जो 2019 के 61.1% से अधिक है। महायुति ने इसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के जमीनी प्रयासों का नतीजा बताया। महिलाओं के बढ़ते समर्थन के लिए उन्होंने सरकार की “लड़की बहिन योजना” को श्रेय दिया।
क्या कहते हैं एग्जिट पोल?
ज्यादातर एग्जिट पोल महायुति की जीत की भविष्यवाणी कर रहे हैं, लेकिन कुछ एमवीए के पक्ष में भी हैं। दरेकर ने एग्जिट पोल को खारिज करते हुए कहा कि निर्दलीय विजेता महायुति को समर्थन देंगे।
क्या होगा चुनाव परिणाम का असर?
चुनाव के नतीजे राजनीतिक पटल पर कई समीकरण बदल सकते हैं। मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी खींचतान न केवल आंतरिक दलों के समीकरणों को उजागर करती है, बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि महाराष्ट्र की सत्ता के लिए राजनीतिक लड़ाई कितनी तीव्र हो सकती है।
नोट: यह लेख राजनीतिक घटनाओं पर आधारित है और निष्पक्षता बनाए रखने का प्रयास किया गया है।
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