गुरुवार, 21 नवंबर को अडानी समूह ने $600 मिलियन की अमेरिकी डॉलर-आधारित बॉन्ड डील रद्द कर दी। यह निर्णय अमेरिकी अदालत में अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी और अन्य पर धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोपों के बाद लिया गया।
अमेरिकी अदालत में गंभीर आरोप
अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी सहित अन्य ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को $250 मिलियन से अधिक की रिश्वत देने की साजिश रची। इसका उद्देश्य भारत में सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट्स प्राप्त करना और दो दशकों में $2 बिलियन का लाभ अर्जित करना था।
बॉन्ड डील रद्द और शेयरों में गिरावट
अडानी ग्रीन एनर्जी ने बॉन्ड ऑफरिंग के लिए कुछ ही घंटों पहले कीमत तय की थी, लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया। इस खबर के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। शेयरों में 20% तक की गिरावट आई, जिससे निवेशकों को बड़ा झटका लगा।
अदालत का आदेश और अडानी समूह पर प्रभाव
अदालत ने गौतम अडानी और सागर अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। अभियोजक इन वारंटों को अंतरराष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों तक पहुंचाने की तैयारी कर रहे हैं।
डॉलर बॉन्ड में गिरावट
गुरुवार सुबह एशियाई ट्रेडिंग में, अडानी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन से जुड़े डॉलर बॉन्ड की कीमतों में 3 से 5 सेंट की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट फरवरी 2023 में अडानी समूह पर शॉर्ट-सेलर के हमले के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।
छुपाई गई धोखाधड़ी
अभियोजन पक्ष का कहना है कि गौतम अडानी और अन्य ने अपनी अनियमितताओं को छिपाकर $3 बिलियन से अधिक के ऋण और बॉन्ड प्राप्त किए। इन आरोपों ने निवेशकों और ऋणदाताओं का भरोसा तोड़ दिया है।
निवेशकों के लिए चिंता
इस घटनाक्रम ने अडानी समूह के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। समूह की छवि और वित्तीय स्थिरता पर इन आरोपों का प्रभाव गंभीर हो सकता है।
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