भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने व्हाट्सएप की 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट को लेकर Meta पर ₹213.14 करोड़ का जुर्माना लगाया है। CCI ने यह भी निर्देश दिया है कि Meta व्हाट्सएप पर एकत्रित यूजर डेटा को अन्य मेटा कंपनियों या उनके उत्पादों के साथ विज्ञापन उद्देश्यों के लिए पांच साल तक साझा नहीं कर सकता।
Meta ने इस निर्णय से असहमति जताते हुए इसे चुनौती देने की योजना बनाई है। मेटा के प्रवक्ता ने कहा, “2021 की अपडेट का उद्देश्य व्यक्तिगत चैट की गोपनीयता को बदलना नहीं था। यह अपडेट उपयोगकर्ताओं के लिए वैकल्पिक थी और इसे पारदर्शिता बढ़ाने के लिए पेश किया गया था।”
CCI के निर्देश और Meta की प्रतिक्रिया
- पांच साल तक डेटा साझा करने पर रोक:
CCI ने मेटा और व्हाट्सएप को निर्देश दिया है कि वे उपयोगकर्ताओं के डेटा को विज्ञापन उद्देश्यों के लिए साझा न करें। - डेटा साझा करने की शर्तें स्पष्ट होंगी:
व्हाट्सएप को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह अन्य मेटा कंपनियों या उत्पादों के साथ डेटा साझा करते समय उपयोगकर्ताओं को इसका उद्देश्य स्पष्ट रूप से बताए। - ऑप्ट-आउट विकल्प की सुविधा:
उपयोगकर्ताओं को यह विकल्प मिलेगा कि वे व्हाट्सएप के माध्यम से अपने डेटा को साझा करना चाहते हैं या नहीं। यह विकल्प इन-ऐप नोटिफिकेशन के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। - एंटी-कॉम्पिटीशन व्यवहार बंद करने का आदेश:
CCI ने मेटा को प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियां बंद करने का निर्देश दिया है।
व्हाट्सएप का योगदान और मेटा का पक्ष
मेटा ने कहा कि व्हाट्सएप का उपयोग महामारी के दौरान नागरिक सेवाओं और छोटे व्यवसायों को आगे बढ़ाने में सहायक रहा है। मेटा ने यह भी कहा कि उनकी सेवाएं पारदर्शिता और उपयोगकर्ता की सहमति पर आधारित हैं।
प्रवक्ता ने यह भी जोड़ा, “हम आगे का ऐसा रास्ता ढूंढने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो उपयोगकर्ताओं और व्यवसायों की अपेक्षाओं को पूरा करे।”
क्या है मेटा का अगला कदम?
मेटा ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के इस फैसले को चुनौती देने की घोषणा की है। कंपनी का कहना है कि उनका 2021 का अपडेट केवल वैकल्पिक बिजनेस फीचर्स पेश करने और डेटा कलेक्शन को पारदर्शी बनाने के लिए था।
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