सितंबर 2024 में, प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलियाई डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर डेविड ब्रैडबरी को चेन्नई एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया और बाद में भारत से थाईलैंड डिपोर्ट कर दिया गया। ब्रैडबरी अपने दो बच्चों, 21 वर्षीय बेटी नकेइता और 14 वर्षीय बेटे ओमार के साथ भारत आए थे। इस यात्रा का उद्देश्य बनारस में हिंदू संस्कारों के माध्यम से अपने बच्चों को मृत्यु से संबंधित धार्मिक परंपराओं से परिचित कराना था, खासकर क्योंकि पांच महीने पहले ही ब्रैडबरी की पत्नी, ट्रेना लेंटहल, का निधन हुआ था।
गिरफ्तारी की वजह
जब डेविड ब्रैडबरी और उनके बच्चे चेन्नई एयरपोर्ट पर पहुंचे, तब उनके बच्चों को तो एंट्री मिल गई, लेकिन ब्रैडबरी को रोक दिया गया। उन्हें एक गंदे और छोटे से कमरे में रखा गया, जहां फर्श पर कचरा फैला हुआ था और बिस्तर पर गंदी चादरें नहीं थीं। उन्हें बार-बार पूछताछ के लिए बुलाया गया और उनके फोन से उनके भारतीय संपर्कों की जानकारी मांगी गई, जिसे उन्होंने देने से इनकार कर दिया।
ब्रैडबरी का मानना है कि उनकी 2012 की भारत यात्रा और उस समय उन्होंने कूडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के खिलाफ मछुआरा समुदाय द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री की वजह से उन्हें इस बार भारत में प्रवेश नहीं दिया गया। उस समय, ब्रैडबरी ने स्थानीय समुदाय के परमाणु ऊर्जा संयंत्र के प्रति गहरे डर और संभावित खतरे को फिल्माया था। इस डॉक्यूमेंट्री में उन्होंने भारतीय सरकार की आलोचना की थी, और यही वजह हो सकती है कि उन्हें इस बार भारत में घुसने से रोका गया।
गिरफ्तारी और डिपोर्टेशन का अनुभव
ब्रैडबरी को लगभग 24 घंटे तक हिरासत में रखा गया और इस दौरान उन्हें दवाएं और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई गईं। उन्हें पेपर कप में ही पेशाब करने के लिए मजबूर किया गया। इस पूरे घटनाक्रम के बाद उन्हें थाईलैंड वापस भेज दिया गया, जहां से वे भारत आए थे, जबकि उनके बच्चे भारत में ही रहे और अपनी यात्रा जारी रखी।
ब्रैडबरी की बेटी नकेइता ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा, “यह बहुत ही दुखद और अनुचित था। भारतीय अधिकारियों ने मेरे पिता को वीजा जारी किया था, फिर भी उनके साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया गया, समझ में नहीं आता।”
डेविड ब्रैडबरी का इतिहास
डेविड ब्रैडबरी दो बार ऑस्कर के लिए नामांकित हुए हैं और दुनिया भर में युद्ध, अन्याय, और मानवाधिकारों के मुद्दों पर बनीं डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के लिए मशहूर हैं। 2012 में उनकी भारत यात्रा के दौरान कूडनकुलम में हुए विरोध प्रदर्शनों पर उनकी डॉक्यूमेंट्री ने काफी चर्चा बटोरी थी। कूडनकुलम परमाणु संयंत्र के खिलाफ मछुआरा समुदाय का विरोध फुकुशिमा दुर्घटना के बाद और तेज हो गया था, और ब्रैडबरी ने इस आंदोलन को अपने कैमरे में कैद किया था।
हालांकि, इस बार की घटना ने ब्रैडबरी के भारत आने पर एक कड़वी याद छोड़ दी है, लेकिन उन्होंने अपने बच्चों को भारत में ही यात्रा जारी रखने का निर्देश दिया, ताकि वे इस अनोखी संस्कृति का अनुभव कर सकें।
यह घटना न सिर्फ डेविड ब्रैडबरी के लिए बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मीडिया और कला समुदाय के लिए भी एक महत्वपूर्ण विषय बन गई है। भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और विदेशियों के साथ हो रहे व्यवहार पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ब्रैडबरी का मानना है कि उनकी पुरानी डॉक्यूमेंट्री के कारण ही उन्हें इस बार भारत में प्रवेश से रोका गया। भारतीय अधिकारियों ने इस मुद्दे पर अब तक कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है।