वोडाफोन आइडिया (Vi) के शेयरों में सोमवार को 8% से अधिक की तेज़ी देखने को मिली, जब कंपनी ने नोकिया, एरिक्सन और सैमसंग के साथ $3.6 बिलियन (लगभग ₹30,000 करोड़) की मेगा डील की घोषणा की। इस डील के तहत, अगले तीन वर्षों में नेटवर्क उपकरण की आपूर्ति की जाएगी, जिससे कंपनी का 4जी और 5जी नेटवर्क विस्तार हो सकेगा। यह निवेश वोडाफोन आइडिया की सबसे बड़ी कैपिटल एक्सपेंडिचर (Capex) योजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य कंपनी के नेटवर्क को मजबूत बनाना और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करना है।
डील का उद्देश्य और विस्तार
यह डील वोडाफोन आइडिया के 3 साल के $6.6 बिलियन (₹55,000 करोड़) के कैपेक्स प्लान का पहला कदम है, जिसके जरिए कंपनी का 4जी कवरेज 1.03 बिलियन से बढ़ाकर 1.2 बिलियन तक पहुंचाने का लक्ष्य है। साथ ही, 5जी नेटवर्क को प्रमुख बाजारों में लॉन्च करने और डेटा उपयोग के हिसाब से क्षमता में विस्तार करने की योजना है। इस डील के तहत नोकिया और एरिक्सन जैसे मौजूदा साझेदारों के साथ सैमसंग को भी जोड़ा गया है, जो कंपनी को नवीनतम तकनीकी उपकरण प्रदान करेगा।
शेयर मार्केट में उछाल
डील की घोषणा के बाद वोडाफोन आइडिया के शेयर ₹11.42 तक पहुंच गए, जो कि 8.96% की उछाल दर्शाता है। यह उछाल कंपनी के लिए एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि पिछले कुछ महीनों से कंपनी के शेयर दबाव में थे। इस डील से वोडाफोन आइडिया को अपने नेटवर्क को बेहतर बनाने और नए उपभोक्ताओं को आकर्षित करने में मदद मिलेगी, जो निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
कंपनी की रणनीति और निवेश
कंपनी ने जून 2024 में ₹3,500 करोड़ का अतिरिक्त स्पेक्ट्रम भी खरीदा था और ₹24,000 करोड़ का इक्विटी रेज़ किया था। इन त्वरित कदमों के माध्यम से कंपनी ने अपनी क्षमता में 15% का इजाफा किया है और 16 मिलियन अतिरिक्त लोगों को अपनी सेवाओं से कवर करने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही, वोडाफोन आइडिया अपनी लंबी अवधि की कैपेक्स योजना के लिए ₹25,000 करोड़ की फंडिंग और ₹10,000 करोड़ की नॉन-फंड बेस्ड सुविधाओं के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों से चर्चा कर रही है।
चुनौतियाँ और आगे की रणनीति
हालांकि यह डील कंपनी के लिए सकारात्मक संकेत है, लेकिन इसे AGR (Adjusted Gross Revenue) विवाद और भारी कर्ज की चुनौतियों से भी जूझना पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा AGR मामले में कंपनी की याचिका खारिज होने के बाद, वोडाफोन आइडिया पर लगभग ₹70,000 करोड़ का बकाया हो गया है, जिससे कंपनी के शेयरों में गिरावट आई थी।
वोडाफोन आइडिया की यह डील कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे उसे अपने नेटवर्क विस्तार और 5जी लॉन्च में मदद मिलेगी। इसके अलावा, निवेशकों को भी इस डील से सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं, जो कंपनी के शेयरों में उछाल का मुख्य कारण है। हालांकि, कंपनी के सामने अभी भी कई वित्तीय चुनौतियाँ हैं, जिन्हें हल करना बाकी है, लेकिन यह डील वोडाफोन आइडिया की पुनरुद्धार योजना के तहत एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
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