आज के एपिसोड की शुरुआत में मीना अनुपमा को बताती है कि उसने उसे बहुत याद किया और आशीष भवन के लोगों को बताती है कि मामी ने उसके लिए क्या-क्या किया है। मीना ने कहा कि अनुपमा उसकी मामी नहीं बल्कि माँ है। उसने तीन बच्चों के होते हुए भी हमेशा उसे पूरा ध्यान दिया। वह स्कूल से घर आने पर उसे स्वादिष्ट खाना खिलाती और फिर उसके साथ खेलती थी।
अनुपमा को मीना की बचपन की यादें ताजा हो जाती हैं, जब वह डॉक्टर बनती थी और अनुपमा को मरीज बनाती थी। अचानक से, बाला कहता है कि सागर मीना को लेने गया है, लेकिन वह उसे सही तरीके से नहीं पहचान पाता। इंद्रा कहती है कि यह भगवान की मर्जी थी कि अनुपमा और मीना की मुलाकात हो।
मीना अनुपमा से आग्रह करती है कि वह उसकी आरती करे, लेकिन अनुपमा मना कर देती है। वनराज आकर आरती की थाली को गिरा देता है और अनुपमा को डांटता है। वह अनुपमा को मीना से दूर रहने का आदेश देता है और आशीष भवन को जलाने की धमकी देता है।
वनराज का गुस्सा और उसकी धमकियां परिवार में तनाव बढ़ा देती हैं। मीना बा और बाकी परिवार से माफी मांगती है और सबके आशीर्वाद लेती है। इस बीच, अनुपमा के आश्रम में सभी वनराज के अहंकार और उसके कठोर स्वभाव की चर्चा करते हैं।
वनराज अनुपमा से कहता है कि वह मीना से दूर रहे। अनुपमा के इस कड़वे अनुभव के बाद, वह और उसके परिवार के सदस्य इस नई परिस्थिति से कैसे निपटेंगे, यह देखना बाकी है।
दर्शकों ने वनराज के कठोर रवैये की आलोचना की है और अनुपमा के साथ सहानुभूति जताई है। यह एपिसोड दर्शकों को आगे की कहानी के बारे में उत्सुक बनाए रखता है और यह देखना दिलचस्प होगा कि अनुपमा कैसे इस स्थिति से उबरती है।
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