क्षुद्रग्रह और धूमकेतु हमारे सौरमंडल के प्रारंभिक क्षणों में, लगभग 4.5 अरब साल पहले बने थे। यह दोनों सूरज की परिक्रमा करते हैं, जैसे हमारे ग्रह करते हैं। परंतु, इनके परिक्रमा करने का समय और तरीके में काफी अंतर होता है। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से।
क्षुद्रग्रह
क्षुद्रग्रह एक प्रकार की चट्टानी वस्तुएं होती हैं, जो मुख्य रूप से “क्षुद्रग्रह पट्टी” में पाई जाती हैं, जो मंगल और बृहस्पति के बीच स्थित है। ये सूर्य के चारों ओर घूमते हैं और इन्हें परिक्रमा करने में लगभग तीन से छह साल लगते हैं। इनके परिक्रमा पथ लगभग वृत्ताकार होते हैं और यह स्थिर रहते हैं, समय के साथ इनमें ज्यादा बदलाव नहीं होता।
धूमकेतु
धूमकेतु की कहानी कुछ अलग होती है। धूमकेतु बर्फ, धूल और गैसों से बने होते हैं और यह सौरमंडल के बाहरी हिस्सों में पाए जाते हैं। इनके परिक्रमा पथ अत्यधिक अंडाकार होते हैं और यह सूरज के चारों ओर परिक्रमा करने में हजारों से लेकर लाखों साल तक का समय लेते हैं। इनमें से कुछ धूमकेतु की कक्षा भी स्थिर नहीं होती, इसलिए इनके परिक्रमा पथ काफी अनिश्चित हो सकते हैं।
परिक्रमा के समय में अंतर
सभी ग्रहों और धूमकेतुओं की परिक्रमा समय अलग-अलग होती है। बुध, जो सूरज के सबसे नजदीक है, 88 दिनों में अपनी परिक्रमा पूरी करता है, जबकि पृथ्वी 365 दिनों (एक वर्ष) में। मंगल को सूर्य के चारों ओर घूमने में लगभग दो साल लगते हैं, और शनि को 29.4 साल। नेपच्यून, जो सबसे दूर स्थित ग्रह है, को परिक्रमा पूरी करने में 164.9 साल लगते हैं।
धूमकेतुओं की परिक्रमा अवधि और भी विस्तृत होती है। उदाहरण के लिए, 67P चुरयूमोव-गेरासिमेंको को अपनी परिक्रमा पूरी करने में 6.6 साल लगते हैं, जबकि हैली धूमकेतु को 76.1 साल। हाले-बॉप धूमकेतु को 4000 साल और ह्यकुटाके को 40 हजार साल तक का समय लग सकता है।
क्या हमने कभी क्षुद्रग्रह या धूमकेतु पर लैंडिंग की है?
हां, हमने कई बार क्षुद्रग्रह और धूमकेतुओं पर लैंडिंग की है। जापानी स्पेस एजेंसी जाक्सा (JAXA) ने 25143 इटोकावा नामक क्षुद्रग्रह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की और वहाँ से नमूने वापस लाए। 2022 में, जाक्सा ने हायाबुसा 2 मिशन के तहत रयुगु क्षुद्रग्रह से 5.4 ग्राम नमूने वापस लाए। 2023 में, नासा का OSIRIS-REx मिशन बेनू क्षुद्रग्रह से नमूने वापस लाया।
पृथ्वी के लिए खतरा?
क्षुद्रग्रह और धूमकेतु दोनों पृथ्वी के लिए खतरा हो सकते हैं, लेकिन ज्यादातर क्षुद्रग्रह हमारे वायुमंडल में प्रवेश करने के बाद जल जाते हैं। अगर कोई क्षुद्रग्रह या धूमकेतु पृथ्वी से टकराता है, तो इससे काफी नुकसान हो सकता है। नासा के अनुसार, लगभग 25 मीटर का कोई भी क्षुद्रग्रह अगर पृथ्वी से टकराए, तो इससे बड़ा नुकसान हो सकता है।
धूमकेतु और क्षुद्रग्रह में क्या फर्क है?
धूमकेतु की बर्फ और धूल जब सूर्य के पास आती है, तो उसकी सतह गरम होकर गैस और धूल के जेट्स छोड़ती है, जिससे एक अद्भुत पूंछ बनती है। दूसरी ओर, क्षुद्रग्रह ठोस और स्थिर होते हैं और इनमें कोई प्रकाश नहीं होता। यह मुख्य रूप से चट्टान और धातु से बने होते हैं और खनिजों के महत्वपूर्ण स्रोत हो सकते हैं।
धूमकेतु और क्षुद्रग्रह हमारे सौरमंडल की उत्पत्ति और विकास को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनकी स्टडी करने से हमें अंतरिक्ष और उसकी संरचना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलती हैं।
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