ईरान के मिसाइल हमले के बाद इजरायल और अमेरिका के बीच तनाव: अमेरिका की ‘सख्त परिणामों’ की चेतावनी

Tension between Israel and US after Iran missile attack: US warns of 'dire consequences'
Tension between Israel and US after Iran missile attack: US warns of 'dire consequences'
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हाल ही में हुए ईरान द्वारा इजरायल पर मिसाइल हमले के बाद विश्व में बड़े स्तर पर आक्रोश और चिंता का माहौल पैदा हो गया है। 1 अक्टूबर, 2024 की रात ईरान ने इजरायल पर 180 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलों का हमला किया, जिसके बाद इजरायल में हवाई हमले के अलार्म बज उठे और करीब 1 करोड़ इजरायलियों को बम शेल्टर में शरण लेनी पड़ी। हालाँकि, इजरायल के उन्नत मिसाइल डिफेंस सिस्टम, जिसमें “आयरन डोम” और “एरो” सिस्टम शामिल थे, ने अधिकांश मिसाइलों को विफल कर दिया, लेकिन कुछ मिसाइलें डिफेंस सिस्टम को चकमा देकर पहुंच गईं जिससे मामूली क्षति और हल्की चोटों की सूचना मिली।

हमले का तत्काल प्रभाव और प्रतिक्रिया

इस हमले के बाद, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान की इस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि “ईरान ने बहुत बड़ी गलती की है” और “उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा”। यह इस साल दूसरा अवसर है जब ईरान ने इजरायल पर सीधा हमला किया है। इजरायल ने इस हमले को लेकर एक सटीक और रणनीतिक प्रतिक्रिया देने की बात कही है, लेकिन दोनों ही पक्ष पूर्ण युद्ध से बचने की कोशिश कर रहे हैं।

ईरान ने दावा किया कि यह हमला हिज़बुल्ला के नेता हसन नसरल्लाह और हमास नेता इस्माइल हनिया की हत्या के जवाब में किया गया था, जो इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों में मारे गए थे। इसके बावजूद ईरानी अधिकारियों ने कहा कि वे तब तक और हमले नहीं करेंगे जब तक इजरायल कोई और सैन्य कार्रवाई नहीं करता।

अमेरिका की सख्त चेतावनी

इस हमले के बाद, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने ईरान को ‘सख्त परिणामों’ की चेतावनी दी। सुलिवन ने इस हमले को “महत्वपूर्ण वृद्धि” करार दिया और कहा कि ईरान को इसका भारी मूल्य चुकाना पड़ेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका इजरायल के साथ खड़ा रहेगा और किसी भी तरह की रक्षा सहायता देने के लिए तैयार है। इसके साथ ही, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी इजरायल को पूर्ण समर्थन देने की बात कही और इस घटना को लेकर अमेरिकी सेना के साथ संभावित प्रतिक्रियाओं पर चर्चा की।

क्षेत्रीय और वैश्विक निहितार्थ

ईरान का यह हमला मध्य पूर्व में एक व्यापक संघर्ष की आशंकाओं को बढ़ा रहा है। इस बीच, इजरायल ने दक्षिणी लेबनान में हिज़बुल्ला के ठिकानों पर ज़मीनी हमले किए हैं। लेबनानी अधिकारियों ने पुष्टि की कि इजरायल के हालिया हवाई हमलों में कम से कम 55 लोग मारे गए हैं। वहीं, इजरायल और हिज़बुल्ला के बीच यह संघर्ष अक्टूबर की शुरुआत से ही तेजी से बढ़ रहा है, जिससे लेबनान में अब तक 1,800 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए युद्धविराम की अपील की है और कहा है कि “यह अब रुकना चाहिए। हमें तत्काल युद्धविराम की आवश्यकता है”। वहीं, जॉर्डन और इराक ने अपनी हवाई सीमाओं को बंद कर दिया है और क्षेत्रीय देशों में भी संभावित झड़पों को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।

आगे की स्थिति

यह हमला इजरायल और ईरान के बीच तनाव की एक नई ऊंचाई पर पहुंच चुका है। इजरायल ने कहा है कि वह उचित समय पर और स्थान पर ईरान को जवाब देगा। इसके साथ ही, इस स्थिति से जुड़े संभावित परिणामों को लेकर अमेरिकी सेना भी अपनी तैयारियों में जुट गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह तनाव और बढ़ता है तो इसका असर पूरे मध्य पूर्व पर हो सकता है, जिसमें अमेरिकी सैनिकों की भागीदारी की संभावना भी शामिल है।

ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव से मध्य पूर्व में एक बड़े संघर्ष की आशंका ने वैश्विक शक्तियों को सतर्क कर दिया है। अमेरिका की “सख्त परिणामों” की चेतावनी और इजरायल के प्रतिशोध के संकेत इस बात की पुष्टि करते हैं कि आने वाले दिनों में क्षेत्रीय स्थिरता को और अधिक चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

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Team K.H.
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