हाल ही में मालदीव में हनीमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Hanimadhoo International Airport) पर एक नए रनवे का उद्घाटन और रुपे कार्ड के आधिकारिक लॉन्च से भारत और मालदीव के बीच व्यापारिक, आर्थिक, और पर्यटन संबंधों को और मजबूत किया जा रहा है। यह पहल दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों का प्रतीक है, जो वर्षों से व्यापार, संस्कृति और सहयोग के जरिए विकसित हुए हैं।
भारत की सहायता से हनीमाधू हवाई अड्डे का पुनर्विकास
हनीमाधू हवाई अड्डे के इस नए रनवे का निर्माण भारत की सहायता से किया गया है, जो मालदीव के उत्तरी हिस्सों को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। यह परियोजना भारतीय क्रेडिट लाइन के तहत $132 मिलियन की लागत से पूरी हुई है, जिसमें नए रनवे के साथ-साथ एटीसी टॉवर, अग्निशमन ब्लॉक, हैंगर, कार्गो सुविधाएं, और यात्री टर्मिनल भवन का भी निर्माण किया गया है।
यह हवाई अड्डा विस्तार न केवल मालदीव की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाएगा। इस विकास का मुख्य उद्देश्य मालदीव के उत्तरी एटोल्स में पर्यटन को प्रोत्साहित करना और स्थानीय आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देना है। नए रनवे के उद्घाटन के साथ, मालदीव अब अधिक यात्री उड़ानों को आकर्षित करने और अपनी पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को और सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहा है।
रुपे कार्ड लॉन्च: भारतीय पर्यटकों के लिए एक बड़ी सुविधा
रुपे कार्ड का मालदीव में आधिकारिक लॉन्च भारतीय पर्यटकों के लिए एक बड़ी सहूलियत साबित होगा। इस पहल से भारतीय पर्यटक मालदीव में नकदी रहित लेनदेन कर सकेंगे, जिससे उनकी यात्रा और अधिक सुलभ और किफायती हो जाएगी। मालदीव का पर्यटन क्षेत्र, जो मुख्य रूप से विदेशी पर्यटकों पर निर्भर है, इस सुविधा से और अधिक भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
रुपे कार्ड के लॉन्च के मौके पर एक लाइव लेन-देन भी दिखाया गया, जो दर्शाता है कि यह सुविधा मालदीव के पर्यटन उद्योग में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देगी। इससे भारतीय पर्यटकों को अपनी यात्रा के दौरान मुद्रा विनिमय की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा और वे आसानी से रुपे कार्ड का इस्तेमाल कर सकेंगे। यह पहल दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देगी और पर्यटन क्षेत्र को और मजबूती प्रदान करेगी।
भारत-मालदीव संबंध: सहयोग की नई राह
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुज्जू और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच इस पहल के तहत व्यापक बातचीत भी हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने आने वाले समय में संबंधों को और गहरा करने की योजना बनाई। मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा कि इन परियोजनाओं से मालदीव की बुनियादी ढांचे में सुधार और भारत-मालदीव के भविष्य के सहयोग की एक नई दिशा निर्धारित होगी।
यह दोनों नेताओं के बीच पहली द्विपक्षीय मुलाकात थी, और इस अवसर पर मालदीव के राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी साजिदा मोहम्मद भी उपस्थित थीं। भारत और मालदीव के बीच यह सहयोग भारत की “नेबरहुड फर्स्ट” नीति और SAGAR विजन के तहत आता है, जो पड़ोसी देशों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने पर जोर देता है।
भविष्य की परियोजनाएं और सहयोग
भारत ने मालदीव में बड़े पैमाने पर अन्य परियोजनाओं का भी समर्थन किया है, जिसमें ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट, नए कमर्शियल पोर्ट का विकास और सामाजिक आवास परियोजनाएं शामिल हैं। भारत ने 700 सामाजिक आवास इकाइयों को मालदीव के लोगों को सौंपा है, जो कि भारत की सहायता से निर्मित हुई थीं। इसके अलावा, दोनों देशों ने 3,000 करोड़ रुपये की मुद्रा स्वैप व्यवस्था पर भी सहमति जताई है, जिससे मालदीव की मौजूदा वित्तीय चुनौतियों को हल करने में मदद मिलेगी।
इससे स्पष्ट है कि भारत-मालदीव के संबंध सिर्फ बुनियादी ढांचे तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी की दिशा में बढ़ रहे हैं।
रुपे कार्ड का मालदीव में लॉन्च और हनीमाधू हवाई अड्डे पर नए रनवे का उद्घाटन भारत-मालदीव के संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली महत्वपूर्ण पहलों में से एक है। इन परियोजनाओं से न केवल आर्थिक और पर्यटन संबंध मजबूत होंगे, बल्कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को भी और अधिक गहरा किया जाएगा। आने वाले समय में, भारत और मालदीव के बीच और अधिक सहयोग की उम्मीद की जा सकती है, जो पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और विकास का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनेगा।
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