गूगल के AI ओवरव्यूज़ में हाल ही में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा गया है। अब 99.5% मामलों में AI ओवरव्यूज़ में दिखाए गए स्रोत, गूगल के टॉप 10 ऑर्गेनिक सर्च परिणामों से मेल खाते हैं। इस नई जानकारी को मार्क ट्रैफेगन, जो seoClarity के VP हैं, ने साझा किया। यह अध्ययन 36,000 कीवर्ड्स पर आधारित है।
इस बदलाव का महत्व
गूगल की सर्च जनरेटिव एक्सपीरियंस (SGE) के शुरुआती दिनों में, जो अब AI ओवरव्यूज़ के रूप में जाना जाता है, गूगल अक्सर टॉप 10 परिणामों से बाहर के स्रोतों को दिखाता था। इससे कम विश्वसनीय और कम अधिकारिक स्रोतों की सामग्री AI ओवरव्यूज़ में आ जाती थी, जिससे कई बार गलत और खतरनाक उत्तर मिलने लगे थे।
इसके परिणामस्वरूप गूगल ने AI ओवरव्यूज़ की दृश्यता को कम कर दिया और सुधार का वादा किया। अब, पिछले कुछ महीनों में, AI ओवरव्यूज़ में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है, और अब यह टॉप 10 परिणामों के साथ बड़े पैमाने पर ओवरलैप कर रहा है।
क्या बदल गया है?
जनवरी 2024 में किए गए एक विश्लेषण के अनुसार, 93.8% मामलों में SGE में दिखाए गए स्रोत, टॉप 10 ऑर्गेनिक परिणामों से अलग होते थे। लेकिन अब स्थिति पूरी तरह से बदल गई है। गूगल संभवतः अपने कस्टम Gemini मॉडल में पारंपरिक सर्च रैंकिंग सिग्नल्स को अधिक महत्व दे रहा है, जिससे AI ओवरव्यूज़ में वही स्रोत अधिकतर दिखते हैं जो पहले से ही टॉप 10 में हैं।
इसके SEO पर प्रभाव
यह बदलाव स्पष्ट रूप से SEO के लिए महत्वपूर्ण है। अब AI ओवरव्यूज़ में शामिल होने के लिए वेबसाइट्स को गूगल के टॉप 10 में रैंक करना पहले से भी अधिक आवश्यक हो गया है। इस परिवर्तन के साथ, AI ओवरव्यू ऑप्टिमाइजेशन मूल रूप से गूगल ऑप्टिमाइजेशन के समान हो गया है।
इस बदलाव के कारण, SEO विशेषज्ञों और कंटेंट क्रिएटर्स को अपनी रणनीतियों में समायोजन करना पड़ेगा ताकि वे गूगल के शीर्ष रैंकिंग में बने रहें और AI ओवरव्यूज़ में शामिल हो सकें।
निष्कर्ष: गूगल AI ओवरव्यूज़ में यह नया ओवरलैप दिखाता है कि कैसे AI और पारंपरिक सर्च के बीच की दूरी घट रही है, और अब SEO रणनीति में इन दोनों के बीच का तालमेल अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।