जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी हमला: डॉक्टर और 6 श्रमिकों की हत्या

पुलिस और सेना ने हमलावरों का पता लगाने के लिए इलाके की घेराबंदी की है।

Terrorist attack in Jammu and Kashmir: Doctor and 6 workers killed
Terrorist attack in Jammu and Kashmir: Doctor and 6 workers killed
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जम्मू और कश्मीर के गांदरबल जिले में आतंकवादियों द्वारा किए गए एक कायराना हमले में एक डॉक्टर और छह निर्माण श्रमिकों की मौत हो गई। यह हमला गगनगीर में एक निर्माण स्थल पर हुआ, जहां श्रमिक एक सुरंग परियोजना पर काम कर रहे थे। रविवार रात हुए इस हमले में आतंकियों ने श्रमिकों के शिविर पर गोलीबारी की, जिससे मौके पर ही कई लोग मारे गए और कुछ गंभीर रूप से घायल हो गए।

घटना के तुरंत बाद, पुलिस और सेना ने पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर दी और हमलावरों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू कर दिया। जम्मू और कश्मीर पुलिस ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि “गगनगीर में एक आतंकवादी घटना हुई है, सुरक्षा बलों ने क्षेत्र को घेर लिया है, और आगे की जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी।”

आतंकवादियों ने एक निजी कंपनी के श्रमिकों को निशाना बनाया, जो श्रीनगर-लेह हाईवे के पास एक सुरंग निर्माण परियोजना पर काम कर रहे थे। बताया जा रहा है कि मृतकों में गैर-स्थानीय मजदूर शामिल थे, जो बेहतर रोजगार अवसरों की तलाश में अन्य राज्यों से यहां आए थे। इनमें से कुछ श्रमिक बिहार और पंजाब से थे।

निंदा और प्रतिक्रियाएं

जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस हमले को “कायरतापूर्ण” और “दर्दनाक” करार दिया। उन्होंने घायल लोगों की जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की और घटना की कड़ी निंदा की। उमर अब्दुल्ला ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “यह हमला निर्दोष लोगों पर है, जो केवल अपनी रोजी-रोटी के लिए काम कर रहे थे।”

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा, “यह श्रमिक हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के निर्माण में लगे हुए थे। मैं शहीद हुए श्रमिकों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।”

इस घटना से पहले भी जम्मू-कश्मीर में श्रमिकों पर हमले होते रहे हैं, खासकर वे लोग जो बाहरी राज्यों से यहां काम करने आते हैं। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में विकास कार्यों को गति देने के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम कर रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, आतंकवादी समूह इन विकास परियोजनाओं को निशाना बनाकर राज्य में अस्थिरता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।

सुरक्षा बलों की कार्रवाई

घटना के तुरंत बाद, सुरक्षा बलों ने आतंकियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। गांदरबल जिले के गगनगीर इलाके में सघन तलाशी अभियान चल रहा है। सेना और पुलिस के विशेष बलों को इलाके में तैनात किया गया है, ताकि हमलावरों को पकड़ने में सफलता मिल सके।

समाज और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया

इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। समाज के सभी तबकों से इस कायरतापूर्ण कृत्य की निंदा की जा रही है। कांग्रेस नेता तारिक हामिद कर्रा ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई और सरकार से मांग की कि वे निर्दोष लोगों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं।

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सजाद गनी लोन ने भी इस आतंकवादी हमले को “मानवता के खिलाफ पागलपन” करार दिया और कहा कि “आतंकवादियों के इस कृत्य से निर्दोष लोगों की जान गई है, जो निंदनीय है।”

आतंकवाद का बढ़ता खतरा

हाल के वर्षों में जम्मू-कश्मीर में गैर-स्थानीय लोगों पर बढ़ते हमले आतंकवाद के बदलते रुख का संकेत देते हैं। ये हमले इस बात का सबूत हैं कि आतंकवादी समूह अपनी रणनीति बदलकर विकास परियोजनाओं और उन पर काम करने वाले श्रमिकों को निशाना बना रहे हैं। इससे राज्य में विकास की प्रक्रिया बाधित होने का खतरा भी बढ़ गया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि आतंकवादियों द्वारा विकास परियोजनाओं को निशाना बनाना राज्य में अस्थिरता पैदा करने की एक सुनियोजित साजिश है। यह हमला भी इसी साजिश का हिस्सा हो सकता है, जिससे राज्य में भय का माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है।

सरकार की प्रतिक्रिया

गृह मंत्री अमित शाह ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए हमलावरों को कड़ी सजा दिलाने का वादा किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “जो लोग इस कायरतापूर्ण हमले में शामिल हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सरकार निर्दोष लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।”

जम्मू-कश्मीर में हालिया आतंकवादी हमला राज्य के सामने मौजूद सुरक्षा चुनौतियों की गंभीरता को दर्शाता है। आतंकवादियों द्वारा विकास परियोजनाओं को निशाना बनाना न केवल राज्य की स्थिरता को कमजोर करने का प्रयास है, बल्कि यह निर्दोष श्रमिकों के जीवन के लिए भी बड़ा खतरा है। सरकार और सुरक्षा बलों को इस चुनौती का सामना करने के लिए अधिक सतर्क और संगठित प्रयास करने होंगे, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।

इस हमले के बाद राज्य के लोगों में भय का माहौल है, लेकिन सुरक्षा बलों की तत्परता और सरकार की सख्त कार्रवाई से उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति को नियंत्रण में लाया जाएगा और हमलावरों को उनके कृत्य की सजा दी जाएगी।

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