प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में युवाओं से राजनीति में सक्रिय भागीदारी लेने का आह्वान किया, खासकर उन युवाओं से जिनका कोई राजनीतिक पारिवारिक पृष्ठभूमि नहीं है। उन्होंने अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन का हवाला देते हुए एक लाख युवाओं को राजनीति से जुड़ने का आह्वान किया, जो पारंपरिक राजनीतिक परिवारों से नहीं आते हैं। उन्होंने कहा कि इससे न केवल राजनीति में नई ऊर्जा का संचार होगा, बल्कि लोकतंत्र भी सशक्त होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि उन्हें इस विषय पर देशभर से कई युवाओं के पत्र और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं मिली हैं। कई युवाओं ने कहा कि परिवारवाद राजनीति में नए और योग्य प्रतिभाओं को कुचल देता है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आज के युवा राजनीति में प्रवेश के लिए सही अवसर और मार्गदर्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय भी कई ऐसे लोग थे, जिनका कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं था, लेकिन वे देश की आजादी के लिए सामने आए। अब उसी जज़्बे की ज़रूरत है ताकि ‘विकसित भारत’ का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। उन्होंने युवाओं से इस अभियान में शामिल होने का आग्रह किया और कहा कि यह कदम देश के भविष्य के लिए परिवर्तनीय साबित होगा।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने देश के अंतरिक्ष क्षेत्र में हो रहे सुधारों की भी चर्चा की और कहा कि इससे युवाओं को बहुत लाभ हुआ है। उन्होंने ‘हर घर तिरंगा’ और ‘पूरा देश तिरंगा’ अभियान की सफलता का भी उल्लेख किया, जो देश की एकता और अखंडता का प्रतीक बना।
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