तमिलनाडु में शुक्रवार की रात एक भयंकर ट्रेन हादसा हुआ जब मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस ने चेन्नई के पास कावरापेट्टाई स्टेशन पर खड़ी एक मालगाड़ी को टक्कर मार दी। इस टक्कर के कारण ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए और कम से कम 19 लोग घायल हो गए। इस हादसे में कोई मौत नहीं हुई, लेकिन घायलों में से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को स्टेनली मेडिकल कॉलेज अस्पताल और गवर्नमेंट अस्पताल, पोननेरी में भर्ती कराया गया है।
हादसे का विवरण
यह हादसा तब हुआ जब मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस को मुख्य लाइन से गुजरना था, लेकिन गलती से ट्रेन लूप लाइन में प्रवेश कर गई। 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हुई ट्रेन ने लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी। इस टक्कर से ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए और कुछ डिब्बों में आग भी लग गई। हालांकि, रेलवे अधिकारियों ने समय रहते स्थिति पर काबू पा लिया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
इस हादसे का शिकार हुए यात्रियों में से एक ने बताया, “हम ट्रेन में बैठे थे, तभी अचानक एक जोरदार आवाज आई और किसी को नहीं पता चला कि क्या हुआ। करीब पांच मिनट बाद, जब हमने बाहर देखा, तो पता चला कि ट्रेन पलट चुकी थी और चारों तरफ अफरातफरी मची हुई थी।” उन्होंने आगे बताया कि कुछ डिब्बों में आग लग गई थी और बाकी के डिब्बे पटरी से उतर चुके थे। यात्री सुरक्षित थे और उन्होंने तुरंत नजदीकी स्थानीय स्टेशन की ओर रुख किया।
रेलवे अधिकारियों की प्रतिक्रिया और जांच
हादसे के बाद रेलवे ने तुरंत जांच के आदेश दिए। रेलवे सुरक्षा आयुक्त, ए.एम. चौधरी ने सीनियर साउदर्न रेलवे अधिकारियों के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया। रेलवे जनरल मैनेजर आर.एन. सिंह ने बताया कि ट्रेन को कावरापेट्टाई स्टेशन पर रुकना नहीं था और इसे मुख्य लाइन से गुजरना था। चालक ने सही संकेतों का पालन किया था, लेकिन ट्रेन लूप लाइन में घुस गई, जहां मालगाड़ी पहले से खड़ी थी। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ट्रेन मुख्य लाइन में क्यों नहीं गई और इस गलती का कारण क्या था। इस घटना की विस्तृत जांच की जा रही है ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
रेल यातायात पर असर
इस दुर्घटना के कारण कई अन्य ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ। कुछ ट्रेनों को उनके निर्धारित मार्ग से हटाकर अन्य रास्तों से भेजा गया, जबकि कुछ ट्रेनों को फिर से निर्धारित किया गया। रेलवे अधिकारियों ने पटरियों की मरम्मत और बहाली का काम शुरू कर दिया है, ताकि जल्द से जल्द रेल यातायात सामान्य हो सके। घायलों को नियमानुसार मुआवजा दिया गया और यात्रियों की चिकित्सा जांच भी कराई गई।
हादसे से बचाव के कारण
रेलवे अधिकारियों ने यह भी बताया कि इस हादसे में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, इसका श्रेय ट्रेन में लगे आधुनिक एलएचबी कोचों को जाता है। ये कोच दुर्घटना की स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जिनमें बेहतर संरचना और स्थायित्व होते हैं। इसी तकनीक के कारण हादसे के बावजूद यात्रियों की जान बचाई जा सकी।
इस बड़े ट्रेन हादसे ने एक बार फिर रेल सुरक्षा के मुद्दों को उजागर किया है। हालांकि इस हादसे में कोई मौत नहीं हुई, फिर भी घायल यात्रियों और उनके परिवारों के लिए यह एक बड़ी आपदा साबित हुई। रेलवे की उच्च स्तरीय जांच से उम्मीद की जा रही है कि इस तरह की दुर्घटनाओं से सबक लिया जाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जाएगा।