उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हुई हिंसक झड़प के बाद से इलाके में तनाव बढ़ गया है। रविवार को हुई इस हिंसा में 22 वर्षीय युवक की मौत हो गई, जिसके बाद सोमवार को हालात और बिगड़ गए। विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई दुकानों और अस्पताल को आग के हवाले कर दिया। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी और इलाके में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी। इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य में कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक सद्भाव को लेकर गहरे सवाल खड़े किए हैं।
हिंसा कैसे शुरू हुई?
रविवार, 13 अक्टूबर 2024 को, बहराइच के महसी इलाके में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो समुदायों के बीच विवाद शुरू हो गया। यह विवाद उस समय उभर कर आया जब जुलूस एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र से गुजर रहा था और जोर-जोर से बजाए जा रहे संगीत को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हुई। विवाद इतना बढ़ गया कि पत्थरबाजी और गोलीबारी होने लगी, जिसमें 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गई और कई अन्य लोग घायल हो गए। मिश्रा को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उसकी मौत हो गई।
सोमवार को, रामगोपाल मिश्रा की मौत से आक्रोशित सैकड़ों स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए और उन्होंने न्याय की मांग की। इसी दौरान, कुछ उग्र तत्वों ने बहराइच के कई इलाकों में दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने लखनऊ सेवा अस्पताल में भी आग लगा दी, जिससे अस्पताल के उपकरण और अन्य संपत्तियां जलकर राख हो गईं। इसके अलावा, एक मेडिकल स्टोर और मोटरबाइक शोरूम को भी आग के हवाले कर दिया गया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और पुलिस तैनाती
बहराइच की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया और सभी सीमाओं को सील कर दिया। इलाके में शांति बनाए रखने के लिए 10 कंपनियों की प्रांतीय सशस्त्र पुलिस (PAC), 2 कंपनियों की केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF), और 5 टीमों की उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UPSTF) तैनात की गईं। ड्रोन के जरिए स्थिति की निगरानी की जा रही है और पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रण में बताया है।
30 लोग हिरासत में, मुख्य आरोपी की पहचान
पुलिस ने अब तक 30 लोगों को हिरासत में लिया है और मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर सलमान की पहचान की है, जिसके घर से गोलीबारी की गई थी। उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। इसके अलावा, हिंसा में शामिल अन्य 10 लोगों की भी पहचान की गई है। पुलिस का कहना है कि घटना की वीडियो फुटेज की जांच की जा रही है, ताकि और आरोपियों की पहचान हो सके।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हिंसा की कड़ी निंदा की है और कहा है कि कानून व्यवस्था को बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया है कि सभी दुर्गा प्रतिमा विसर्जन शांतिपूर्ण तरीके से पूरे किए जाएं और धार्मिक संगठनों के साथ संवाद स्थापित किया जाए।
विपक्ष की प्रतिक्रिया और सरकार पर आरोप
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को जुलूस के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने चाहिए थे, ताकि इस तरह की घटनाएं न हों। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी सरकार इस तरह की घटनाओं का राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास करती है, और समाज को बांटने की राजनीति कर रही है।
बहराइच में हुई इस सांप्रदायिक हिंसा ने उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं, लेकिन इस तरह की घटनाओं से प्रदेश में सामाजिक सौहार्द और शांति पर खतरा मंडराता दिखता है। ऐसे में, सभी पक्षों को शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की जा रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की हिंसक घटनाओं को रोका जा सके।
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