साउथ इंडस्ट्री की जानी-मानी अभिनेत्री सौम्या ने हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है, जिसमें उन्होंने एक तमिल निर्देशक पर यौन उत्पीड़न और शारीरिक शोषण का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उन्हें ‘सेक्स स्लेव’ के रूप में तैयार किया गया और उनका शारीरिक शोषण किया गया। इस पूरी घटना का खुलासा करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे उस निर्देशक ने उनके साथ ‘बेटी’ के नाम पर दुर्व्यवहार किया और उन्हें मानसिक रूप से भी प्रभावित किया।
सौम्या की आपबीती
सौम्या ने अपने बयान में बताया कि यह सब तब शुरू हुआ जब वह 18 साल की थीं और कॉलेज के पहले वर्ष में थीं। उन्हें फिल्मों में काम करने का मौका एक कॉलेज थिएटर के संपर्क से मिला। शुरू में निर्देशक ने अपने आपको उनके पिता जैसा बताया, जिससे सौम्या उस पर भरोसा करने लगीं। धीरे-धीरे निर्देशक ने उन्हें भावनात्मक रूप से नियंत्रित करना शुरू किया और फिर उनका शारीरिक शोषण करने लगा। सौम्या ने बताया, “एक दिन जब उसकी पत्नी घर पर नहीं थी, उसने मुझे ‘बेटी’ कहते हुए चूमा, और मैं पूरी तरह से जम गई।”
यौन उत्पीड़न की दर्दनाक घटनाएं
सौम्या ने कहा कि निर्देशक ने धीरे-धीरे उनके शरीर का शोषण करना शुरू किया और कुछ समय बाद उनका बलात्कार किया। यह सिलसिला करीब एक साल तक चला, जब वह कॉलेज में थीं। उन्होंने यह भी बताया कि वह इस घटना को अपने दोस्तों से भी साझा नहीं कर पाईं क्योंकि उन्हें बहुत शर्म महसूस हो रही थी और यह समझ नहीं आ रहा था कि क्या करना चाहिए।
हेम कमेटी रिपोर्ट और #MeToo
सौम्या ने आगे कहा कि इस तमिल निर्देशक के अलावा, मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में भी कई लोग उनके साथ दुर्व्यवहार में शामिल थे। उन्होंने बताया कि एक सह-कलाकार जिसने उनका शोषण किया था, उसका नाम हेम कमेटी रिपोर्ट में भी दर्ज है। मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में यौन शोषण और उत्पीड़न की घटनाओं की जांच के लिए बनाई गई इस रिपोर्ट में कई नाम सामने आए हैं, जिनमें निर्देशकों, अभिनेताओं और तकनीशियनों के नाम शामिल हैं।
#MeToo आंदोलन के तहत खुलासे
#MeToo आंदोलन के तहत कई अभिनेत्रियों ने अपने साथ हुए शोषण और दुर्व्यवहार के अनुभवों को साझा किया है। सौम्या का यह खुलासा भी इस आंदोलन का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने अपनी दर्दनाक कहानी को सार्वजनिक किया है। उन्होंने कहा कि वह इस तमिल निर्देशक का नाम जल्द ही केरल सरकार द्वारा नियुक्त विशेष पुलिस टीम को बताएंगी, जो कि वर्तमान में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में हो रहे यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच कर रही है।
मानसिक और शारीरिक नुकसान
सौम्या ने बताया कि इस पूरी घटना से उबरने में उन्हें 30 साल लग गए। उन्होंने अन्य महिलाओं से आग्रह किया कि वे भी अपने साथ हुई ऐसी घटनाओं को सामने लाएं और न्याय की मांग करें। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों को दबाना और चुप रहना पीड़ित के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि ऐसे मामलों की रिपोर्टिंग की जाए और न्याय की लड़ाई लड़ी जाए।
हेम कमेटी रिपोर्ट और इंडस्ट्री का भविष्य
हेम कमेटी रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के भीतर हो रहे यौन शोषण के मामलों को उजागर किया है। इस रिपोर्ट के आने के बाद, कई बड़े नामों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा, कई अभिनेत्रियों ने इस रिपोर्ट का समर्थन किया है और कहा है कि यह इंडस्ट्री में महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए एक सकारात्मक कदम है।
न्याय की उम्मीद
सौम्या ने अपनी आपबीती सुनाकर न केवल अपने दर्द को साझा किया, बल्कि उन महिलाओं के लिए भी एक प्रेरणा का काम किया है, जो यौन शोषण और उत्पीड़न का शिकार हुई हैं। यह उम्मीद की जाती है कि उनकी आवाज़ न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी और इंडस्ट्री में हो रहे ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सौम्या द्वारा किए गए खुलासे ने तमिल और मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में यौन शोषण और उत्पीड़न की वास्तविकताओं को उजागर किया है। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि #MeToo आंदोलन के तहत महिलाओं को न्याय दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं और हेम कमेटी रिपोर्ट जैसे कदमों से इंडस्ट्री में सुधार की संभावना है। सौम्या जैसी पीड़िताओं के लिए यह जरूरी है कि वे अपनी आवाज़ उठाएं और अपने साथ हुए अन्याय का विरोध करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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