फिल्म का नाम: कंगुवा (Kanguva)
रिलीज़ डेट: 14 नवंबर, 2024
रेटिंग: 2.75/5
मुख्य कलाकार: सुरिया, बॉबी देओल, दिशा पटानी, नटराजन सुब्रमणियम, के.एस. रविकुमार, योगी बाबू, कोवई सरला, मंसूर अली खान
निर्देशक: शिवा
निर्माता: के.ई. ज्ञानवेल राजा, वी. वामसी कृष्ण रेड्डी, प्रमोद उप्पलपति
संगीत निर्देशक: देवी श्री प्रसाद
छायाकार: वेट्री पालनीसामी
संपादन: निशाद यूसुफ
कहानी का सारांश:
कंगुवा एक पिरियड एक्शन-फैंटेसी ड्रामा है, जिसमें सुरिया ने दोहरी भूमिका निभाई है – एक वर्तमान के फ्रांसिस और एक इतिहास में छिपे योद्धा कंगुवा की। फ्रांसिस, जो एक कुख्यात इनामी शिकारी है, अपने अतीत से जुड़े कुछ रहस्यों का सामना करता है। गोवा में एक लड़के से मिलने के बाद, वह एक सदियों पुराने योद्धा कंगुवा से जुड़ा महसूस करता है। कहानी फ्लैशबैक में जाती है, जहां कंगुवा अपने कबीले की रक्षा करने के लिए संघर्ष करता है। क्या फ्रांसिस कंगुवा का पुनर्जन्म है? और इस पुनर्जन्म के पीछे क्या मकसद है? इस रहस्य से पर्दा उठाने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
प्लस पॉइंट्स:
1. सुरिया का अभिनय: सुरिया ने अपने किरदार को जीवंत बना दिया है। फ्रांसिस के रूप में उनकी ताकत और कंगुवा के रूप में उनकी वीरता दोनों ही अविस्मरणीय हैं। विशेषकर कंगुवा के किरदार में, सुरिया का त्याग और बलिदान का भाव फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है। उनकी इस डबल रोल की प्रस्तुति ने दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी है।
2. सहायक कलाकारों का योगदान: दिशा पटानी ने अपने किरदार को ग्लैमर और उत्साह से भरा है, जो युवा दर्शकों को खासा आकर्षित करता है। बॉबी देओल ने एक ताकतवर विलेन के रूप में बेहतरीन अभिनय किया है, जिससे सुरिया के किरदार को मजबूती मिलती है। नटराजन सुब्रमणियम, के.एस. रविकुमार, योगी बाबू, कोवई सरला और अन्य सह-कलाकार भी अपने-अपने रोल में प्रभावी साबित हुए हैं।
3. प्रभावशाली तकनीकी पक्ष: छायाकार वेट्री पालनीसामी ने फिल्म के हर दृश्य को एक महाकाव्य रूप में प्रस्तुत किया है, विशेषकर क्लाइमेक्स के पानी के भीतर के सीक्वेंस को। एक्शन दृश्यों में ग्रैंड स्केल का प्रदर्शन देखने लायक है। साथ ही, देवी श्री प्रसाद का बैकग्राउंड म्यूजिक कहानी की गति को और अधिक प्रभावी बनाता है। एडिटिंग में निशाद यूसुफ ने कसी हुई पकड़ बनाई है, जिससे फिल्म का प्रस्तुतीकरण साफ और सटीक बना रहता है।
माइनस पॉइंट्स:
1. कमजोर प्रेम कहानी: सुरिया और दिशा पटानी की प्रेम कहानी फिल्म का कमजोर हिस्सा है। उनके बीच की केमिस्ट्री और उनके रोमांटिक दृश्यों में अपेक्षित गहराई और जुड़ाव की कमी महसूस होती है। इससे कहानी का भावनात्मक पहलू थोड़ा कमजोर हो जाता है।
2. धीमी गति और साधारण पटकथा: कहानी का नैरेशन कुछ जगहों पर धीमा हो जाता है, जिससे दर्शकों की दिलचस्पी कम हो सकती है। निर्देशन में शिवा ने मुख्य रूप से एक्शन दृश्यों और क्लाइमेक्स पर ध्यान दिया है, लेकिन फिल्म की कुछ और हिस्सों में कहानी की गति को अधिक रोचक और तेज किया जा सकता था।
3. अतिरिक्त लंबाई: फिल्म की लंबाई भी एक अन्य चुनौती है। कहानी को थोड़ा संक्षेप में पेश किया जाता, तो दर्शकों का जुड़ाव अंत तक बना रह सकता था। कुछ अनावश्यक दृश्यों को हटाकर इसे और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता था।
तकनीकी पक्ष:
वेट्री पालनीसामी की सिनेमैटोग्राफी निश्चित रूप से फिल्म की खूबसूरती बढ़ाती है, खासकर ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में एक्शन दृश्यों को बेहतरीन ढंग से फिल्माया गया है। एडिटर निशाद यूसुफ ने इसे प्रभावशाली ढंग से जोड़ा है, और गीतों की फिल्मांकन भी काफी मनोरंजक है। संगीतकार देवी श्री प्रसाद ने कहानी के माहौल को मजबूत किया है, हालांकि गानों की संख्या थोड़ी अधिक है।
अंतिम निष्कर्ष:
कुल मिलाकर, कंगुवा एक शानदार एक्शन और इमोशनल ड्रामा है, जिसमें सुरिया का अभिनय इसे खास बनाता है। हालांकि, कहानी के कमजोर हिस्से और धीमी गति के कारण यह फिल्म सभी दर्शकों को पूरी तरह से संतुष्ट नहीं कर पाती है। यदि आप सुरिया के फैन हैं, तो यह फिल्म आपके लिए मनोरंजन का एक अच्छा स्रोत साबित हो सकती है। अन्य दर्शकों के लिए यह फिल्म केवल एक बार देखे जाने योग्य हो सकती है।
यह भी पढ़े: Singham Again Box Office Day 3: Ajay Devgn की फिल्म ने पार किया ₹120 करोड़ का आंकड़ा