‘जब मैं स्कूल जा रही थी तो उसने मुझे प्राइवेट पार्ट दिखाया’, सेलिना जेटली का दिल दहला देने वाली सच्चाई का खुलासा

'He showed me his private parts when I was going to school', Celina Jaitly reveals the shocking truth
'He showed me his private parts when I was going to school', Celina Jaitly reveals the shocking truth
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Celina Jaitley Faced Sexual Harassment

बॉलीवुड अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता, सेलिना जेटली ने हाल ही में अपने बचपन और किशोरावस्था में हुए यौन उत्पीड़न के भयावह अनुभवों को साझा किया। उनकी इस साहसिक स्वीकृति ने न केवल यौन उत्पीड़न के गंभीर मुद्दे को उजागर किया बल्कि समाज में पीड़ित को दोषी ठहराने की पुरानी मानसिकता पर भी सवाल उठाया है।

बचपन का दर्दनाक अनुभव

सेलिना जेटली ने सोशल मीडिया पर साझा किया कि जब वह छठी कक्षा में थीं, तब उन्हें नियमित रूप से स्कूल के पास के विश्वविद्यालय के लड़कों द्वारा परेशान किया जाता था। ये लड़के उनका पीछा करते, स्कूल की रिक्शा के पीछे आते, और अभद्र टिप्पणियाँ करते। स्थिति और भी बदतर तब हो गई जब इन लड़कों ने उन पर पत्थर तक फेंके। उनके इस कठिन अनुभव के दौरान, न तो कोई राहगीर उनकी मदद के लिए आगे आया और न ही कोई जिम्मेदार व्यक्ति कुछ कर सका​।

पीड़ित को दोषी ठहराने की मानसिकता

सेलिना के जीवन का यह कठिन समय केवल उत्पीड़न तक सीमित नहीं था। एक शिक्षक ने उनकी परेशानियों के लिए उन्हें ही दोषी ठहराया। यह मानसिकता कि “पीड़ित ही दोषी है”, समाज में गहराई से व्याप्त है। शिक्षक ने सेलिना को बताया कि उनकी “पश्चिमी” पोशाक और पहनावे के कारण ही उन्हें इस प्रकार का उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है। इस प्रकार की सोच न केवल पीड़ित को दोषी ठहराती है, बल्कि उत्पीड़कों को भी एक तरह से उकसाती है​।

किशोरावस्था में उत्पीड़न का सिलसिला

सेलिना ने बताया कि उनकी किशोरावस्था में भी उत्पीड़न का सिलसिला जारी रहा। जब वह ग्यारहवीं कक्षा में थीं, तब कुछ लड़कों ने उनकी स्कूटी की ब्रेक्स काट दी, जिससे वह एक खतरनाक हादसे का शिकार हो सकती थीं। इसका कारण केवल इतना था कि उन्होंने उन लड़कों की अभद्र हरकतों को अनदेखा किया था। यह घटना एक बार फिर पीड़ित को दोषी ठहराने की मानसिकता को उजागर करती है, जब शिक्षक ने इसे उनकी “फॉरवर्ड” छवि और पहनावे का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि “स्कूटी चलाना, जीन्स पहनना और खुले बाल रखना लड़कों को यह सोचने पर मजबूर करता है कि वह एक ‘ढीले’ चरित्र की हैं”​।

सेलिना का संदेश

सेलिना जेटली ने अपने अनुभवों के आधार पर एक मजबूत संदेश दिया। उन्होंने कहा कि समाज में यौन उत्पीड़न के लिए पीड़ित को दोषी ठहराने की मानसिकता को बदलना आवश्यक है। यह समय है कि महिलाएं और समाज इस मानसिकता का सामना करें और दोषियों को जिम्मेदार ठहराएं। सेलिना ने अपनी आपबीती के माध्यम से यह संदेश दिया कि उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है, ताकि अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा मिल सके और वे अपने अधिकारों के लिए खड़ी हो सकें।

बॉलीवुड और कार्यक्षेत्र में उत्पीड़न

अपने फिल्मी करियर के दौरान भी सेलिना को यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। उन्होंने खुलासा किया कि बॉलीवुड में शुरुआत के समय, उन्हें कई मौकों पर अनुचित हरकतों का सामना करना पड़ा। मॉडलिंग के दौरान और बाद में फिल्मों में काम करते समय, उन्होंने कई बार अपने साथ हुए दुर्व्यवहार और भेदभाव के बारे में भी खुलकर बात की। यह उनकी हिम्मत और साहस का प्रमाण है कि उन्होंने न केवल इन अनुभवों को सहन किया, बल्कि समाज में इसे उजागर भी किया​।

समाज की भूमिका और परिवर्तन की आवश्यकता

सेलिना जेटली के अनुभव इस बात को रेखांकित करते हैं कि यौन उत्पीड़न की घटनाओं में पीड़ितों को अक्सर दोषी ठहराया जाता है, जो न केवल उनके लिए अत्यधिक हानिकारक होता है, बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ा सवाल है। यह मानसिकता बदलने के लिए शिक्षा और जागरूकता बेहद जरूरी है। समाज को यह समझना होगा कि किसी भी प्रकार का यौन उत्पीड़न गलत है और इसके लिए केवल उत्पीड़क ही जिम्मेदार होता है, न कि पीड़ित।

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Sophia Ansari
सोफिया अंसारी "ख़बर हरतरफ" की प्रमुख संवाददाता हैं, जो टीवी सीरियल समाचारों की विशेषज्ञ हैं। उनका विशेष लेखन और ताजा खबरें दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। सोफिया ने अपनी बेबाक रिपोर्टिंग और गहन विश्लेषण से टीवी इंडस्ट्री में एक खास पहचान बनाई है। उनके समर्पण और मेहनत के कारण "ख़बर हरतरफ" को निरंतर सफलता मिलती है।

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