भारत में #MeToo मूवमेंट के दौरान कई अभिनेत्रियों ने बॉलीवुड में यौन शोषण के बारे में खुलकर बोलना शुरू किया है। हाल ही में, मशहूर टीवी अभिनेत्री शिल्पा शिंदे ने भी एक बड़े फिल्म निर्माता पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि करियर की शुरुआत में, एक फिल्म निर्माता ने ऑडिशन के दौरान उन्हें एक आपत्तिजनक दृश्य करने के लिए मजबूर किया और फिर उन पर जबरदस्ती करने की कोशिश की।
संघर्ष के दिनों का किस्सा
शिल्पा शिंदे, जिन्होंने ‘भाबी जी घर पर हैं!’ में ‘अंगूरी भाभी’ का किरदार निभाकर घर-घर में अपनी पहचान बनाई, ने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि 1998-99 के दौरान उनके संघर्ष के दिनों में यह घटना घटी थी। शिल्पा ने बताया कि एक प्रमुख हिंदी फिल्म निर्माता ने उन्हें ऑडिशन के बहाने “सिड्यूस” करने का दृश्य करने को कहा। उस समय वह इंडस्ट्री में नई थीं और काम पाने के लिए ऑडिशन दे रही थीं।
उन्होंने कहा, “मुझे एक सीन करने को कहा गया था जिसमें मुझे अपने बॉस को रिझाना था। मैं उस समय बहुत मासूम थी और सीन कर दिया। लेकिन बाद में उस व्यक्ति ने मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। मैं डर गई और तुरंत उसे धक्का देकर भाग गई।”
नाम छुपाने का निर्णय
शिल्पा शिंदे ने इस घटना के बारे में खुलकर बात की, लेकिन उन्होंने फिल्म निर्माता का नाम उजागर नहीं किया। उन्होंने बताया कि वह व्यक्ति अब भी इंडस्ट्री में सक्रिय है और उसके बच्चों पर इसका असर न हो, इस वजह से उन्होंने नाम नहीं लिया। शिल्पा का मानना है कि नाम उजागर करने से उसके परिवार को अनचाही परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, और यह उनके लिए अनुचित होगा।
घटना के बाद का सामना
इस घटना के कुछ सालों बाद शिल्पा शिंदे की उस निर्माता से फिर मुलाकात हुई, लेकिन निर्माता ने उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया। यहां तक कि उसने शिल्पा को एक फिल्म में काम देने की पेशकश भी की। शिल्पा ने वह प्रस्ताव ठुकरा दिया और बताया कि उस व्यक्ति को अब तक यह याद नहीं है कि उसने उनके साथ क्या किया था। यह घटना दिखाती है कि अक्सर जो लोग उत्पीड़न करते हैं, वे इसे एक साधारण घटना मान लेते हैं, जबकि पीड़िता के लिए यह एक गहरा आघात होता है।
#MeToo और बॉलीवुड में यौन शोषण का मुद्दा
शिल्पा शिंदे का यह खुलासा तब आया है जब फिल्म इंडस्ट्री में यौन शोषण के मुद्दे पर चर्चा जोरों पर है। हाल ही में जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट ने फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के खिलाफ होने वाले यौन शोषण के कई मामलों को उजागर किया। इस रिपोर्ट के बाद मलयालम, तमिल और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से कई अभिनेत्रियों ने अपने साथ हुए शोषण के अनुभव साझा किए हैं।
शिल्पा शिंदे ने यह भी कहा कि यह समस्या केवल उनकी नहीं है, बल्कि फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में कई महिलाएं इस तरह के अनुभवों से गुजरती हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं को इन परिस्थितियों में अपनी आवाज उठानी चाहिए, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि हर किसी के पास यह विकल्प होता है कि वह ऐसी परिस्थितियों में शामिल न हो।
बॉलीवुड में बदलाव की जरूरत
शिल्पा शिंदे का यह बयान उन महिलाओं की आवाज को और मजबूत करता है जो बॉलीवुड में यौन शोषण और उत्पीड़न का सामना कर रही हैं। हालांकि, #MeToo अभियान ने इस मुद्दे को सुर्खियों में लाया है, लेकिन अभी भी इंडस्ट्री में ऐसे कई लोग हैं जो इस तरह की घटनाओं के बावजूद बिना किसी परिणाम के काम करते रहते हैं। इंडस्ट्री में पारदर्शिता, सख्त नियम और एक सुरक्षित वातावरण बनाने की सख्त जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
शिल्पा शिंदे का यह साहसिक कदम एक उदाहरण है कि कैसे एक महिला अपने दर्दनाक अनुभवों को साझा कर सकती है और दूसरों को भी प्रेरित कर सकती है कि वे अपने अधिकारों के लिए खड़े हों। इंडस्ट्री में ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है ताकि यौन उत्पीड़न के शिकार लोगों को न्याय मिल सके और भविष्य में कोई और इस तरह के उत्पीड़न का शिकार न हो।
शिल्पा शिंदे का यह खुलासा बॉलीवुड में यौन शोषण की एक और कड़वी सच्चाई को उजागर करता है। हालांकि उन्होंने अपने उत्पीड़नकर्ता का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी कहानी ने इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा को फिर से जीवित कर दिया है। #MeToo आंदोलन ने कई महिलाओं को अपनी आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया है, लेकिन इसे एक स्थायी परिवर्तन के लिए एक कदम के रूप में देखना होगा।
फिल्म इंडस्ट्री में ऐसी घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई और जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है ताकि सभी के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण सुनिश्चित हो सके।
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