वक्फ बोर्ड जमीन हड़प रहा है, समय आ गया है बदलाव का’: अमित शाह का झारखंड में बयान

Waqf Board is usurping land, time has come for change': Amit Shah's statement in Jharkhand
Waqf Board is usurping land, time has come for change': Amit Shah's statement in Jharkhand
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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड के बघमारा में आयोजित एक चुनावी रैली में वक्फ बोर्ड पर कड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड विभिन्न संपत्तियों, मंदिरों, और किसानों की जमीन पर कब्जा कर रहा है और इसे रोकने के लिए कानून में बदलाव लाने का समय आ गया है। शाह ने दावा किया कि कर्नाटक जैसे राज्यों में वक्फ बोर्ड ने ग्रामीणों की जमीन पर कब्जा किया है, और इस मुद्दे को निपटाने के लिए आवश्यक सुधार जल्द ही किए जाएंगे।

वक्फ बोर्ड का भूमि विवाद और संशोधन की जरूरत

अमित शाह ने वक्फ बोर्ड पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह बोर्ड “भूमि हड़पने की आदत” बना चुका है, जिसके कारण किसान, गांववाले, और धार्मिक संपत्तियां भी प्रभावित हो रही हैं। बीजेपी का वादा है कि सत्ता में आते ही वे वक्फ अधिनियम में सुधार करेंगे ताकि इस तरह के भूमि विवादों को रोका जा सके। शाह का यह बयान ऐसे समय में आया है जब झारखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और बीजेपी अपने समर्थकों को संबोधित कर रही है।

समान नागरिक संहिता (UCC) और घुसपैठ को रोकने की दिशा

अमित शाह ने झारखंड की रैली में यह भी आश्वासन दिया कि किसी भी बाहरी घुसपैठ को रोकने के लिए समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code, UCC) लागू करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके लागू होने पर स्थानीय आदिवासी समुदायों को इससे बाहर रखा जाएगा। शाह का कहना है कि वर्तमान झारखंड सरकार, जिसमें जेएमएम और कांग्रेस का गठबंधन है, अपने वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिए घुसपैठियों का समर्थन कर रही है।

रैली के दौरान, अमित शाह ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि अगर बीजेपी सत्ता में आई, तो राज्य को पांच साल में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने का काम किया जाएगा। इसके साथ ही, झारखंड में खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना का भी वादा किया, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और राज्य से बाहर रोजगार के लिए पलायन को रोका जा सकेगा।

चुनावी वादों का असर

झारखंड में होने वाले चुनाव के दो चरणों का मतदान 13 और 20 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 23 नवंबर को निर्धारित है। अमित शाह के इस चुनावी भाषण से बीजेपी ने राज्य में एक स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की है कि वे वक्फ बोर्ड, घुसपैठ, और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर कठोर कार्रवाई करेंगे और स्थानीय लोगों के विकास पर ध्यान देंगे।

इस तरह के आरोपों और चुनावी वादों से बीजेपी ने झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया मोड़ देने का प्रयास किया है, जिसे चुनाव के परिणाम के बाद देखा जा सकेगा।

अमित शाह के ये बयान झारखंड के राजनीतिक माहौल को गर्माते नजर आ रहे हैं। उनके अनुसार, भ्रष्टाचार, घुसपैठ, और वक्फ बोर्ड के कथित अवैध भूमि कब्जे जैसे मुद्दों को हल करना बीजेपी की प्राथमिकता में शामिल है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इन चुनावी वादों और आरोपों का राज्य की जनता पर क्या असर होता है और किस हद तक ये राज्य में बीजेपी की सत्ता में वापसी का मार्ग प्रशस्त कर पाते हैं।

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Team K.H.
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