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कनाडा में हिंदू मंदिरों पर खालिस्तानी समर्थकों का हमला

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हाल ही में कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हुए हमलों ने वहां रह रहे भारतीय समुदाय में चिंता की लहर दौड़ा दी है। ब्रैम्पटन और सरे शहर के हिंदू मंदिरों पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला किया, जिसमें कई श्रद्धालुओं को निशाना बनाया गया। बताया जा रहा है कि ये हमलावर डंडों से लैस थे और उन्होंने मंदिर परिसर के बाहर एकत्र श्रद्धालुओं पर हमला किया, जिससे कई लोगों को चोटें आई हैं। इन घटनाओं को हिंदू समुदाय पर योजनाबद्ध तरीके से किया गया हमला माना जा रहा है, जो खालिस्तान समर्थकों के बढ़ते प्रभाव और उनके हिंसक रवैये की ओर इशारा करता है।

घटनाओं की पृष्ठभूमि और मौजूदा स्थिति

खालिस्तानी आंदोलन, जो पंजाब में एक अलग राज्य की मांग करता है, पिछले कुछ वर्षों में कनाडा में सक्रिय रहा है। कनाडा में खालिस्तानी समर्थन पहले भी दिखा है, खासकर जब खालिस्तानी झंडे और नारों के साथ सार्वजनिक सभाएं और प्रदर्शन हुए हैं। इस बार, ब्रैम्पटन और सरे में हिंदू मंदिरों पर किए गए हमले ने स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया है। भारतीय समुदाय का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से वे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और अपनी धार्मिक स्थलों पर हमले के बाद से कनाडाई सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं।

भारत ने कनाडा में बढ़ते खालिस्तानी प्रभाव और हालिया घटनाओं को लेकर अपनी चिंताओं को जोरदार तरीके से प्रस्तुत किया है। भारत के उच्चायोग ने इस घटना की निंदा की है और कनाडा की सरकार से इस मामले पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। यह भी ज्ञात हो कि हाल ही में भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक रिश्तों में तनाव रहा है, जो खालिस्तानी समर्थकों की गतिविधियों और कनाडाई अधिकारियों की उस पर प्रतिक्रिया के कारण और बढ़ा है।

भारतीय समुदाय में बढ़ती चिंता

ब्रैम्पटन और सरे के मंदिरों पर हमला न केवल धार्मिक सहिष्णुता पर सवाल खड़े करता है, बल्कि कनाडा में भारतीयों के लिए एक चुनौती बनकर उभरा है। इस तरह की घटनाओं से भारतीय समुदाय असुरक्षित महसूस कर रहा है और वहाँ की स्थानीय सरकार से सुरक्षा की मांग कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय समुदाय ने वहाँ के स्थानीय प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने की अपील की है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और विपक्षी नेता पियरे पोइलीव्र ने भी इस घटना की आलोचना की है। हालांकि, उनके बयानों में खालिस्तान समर्थकों का उल्लेख नहीं था, जिससे भारतीय समुदाय में नाराजगी देखी जा रही है।

इन घटनाओं के बाद कनाडा में रह रहे हिंदू समुदाय ने सरकार से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। हिंदू समुदाय का मानना है कि इन हमलों से धार्मिक असहिष्णुता को बढ़ावा मिल रहा है और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। समुदाय के कई नेताओं का कहना है कि अगर कनाडा की सरकार इस मामले में सख्त कदम नहीं उठाती है, तो यह असहिष्णुता और हिंसा को और बढ़ावा दे सकता है।

घटना का राजनीतिक और सामाजिक असर

इस घटना का असर कनाडा के भीतर और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी देखा जा रहा है। भारतीय समुदाय के लोग जहां अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, वहीं कनाडा के कई राजनेताओं ने भी इस मुद्दे को उठाना शुरू कर दिया है। धार्मिक स्थलों पर इस तरह के हमले न केवल समुदाय के मनोबल को प्रभावित करते हैं, बल्कि इससे भारत-कनाडा संबंधों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हिंदू मंदिरों पर किए गए हमले से भारतीय समुदाय में असुरक्षा का माहौल बन गया है। यह आवश्यक है कि कनाडा सरकार इस प्रकार की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करे और भारतीय समुदाय के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करे। कनाडा की सरकार की ओर से इस मुद्दे पर ठोस कार्रवाई ही भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में कारगर साबित हो सकती है।

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Gunvant

गुणवंत एक अनुभवी पत्रकार और लेखक हैं, जो सटीक और रोचक खबरें प्रस्तुत करने में माहिर हैं। समसामयिक मुद्दों पर उनकी गहरी समझ और सरल लेखन शैली पाठकों को आकर्षित करती है। साथ ही वे क्रिकेट में अपनी रूचि रखते है। गुणवंत का लक्ष्य समाज को जागरूक और प्रेरित करना है। वे हमेशा निष्पक्षता और सच्चाई को प्राथमिकता देते हैं।

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