पंजाब में धान की खरीद के मुद्दे को लेकर केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने राज्य की आप सरकार की नीतियों पर कड़ा प्रहार किया है। बिट्टू ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुआई में सरकार की धीमी खरीद नीतियों के कारण मंडियों में धान का अंबार लगा है, जिससे किसानों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार का यह ढीला रवैया राज्य की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। बिट्टू के मुताबिक, मान ने राज्य में धान भंडारण के लिए पर्याप्त जगह होने का दावा किया था, लेकिन मौजूदा हालात इस दावे के विपरीत हैं।
पंजाब में धान खरीद संकट: केंद्रीय और राज्य सरकारों के बीच आरोप-प्रत्यारोप
धान खरीद के इस संकट को लेकर केंद्र और राज्य के बीच कई मुद्दों पर असहमति है। बिट्टू का दावा है कि केंद्र सरकार ने धान खरीद में किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं डाली और पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) के लिए हर संभव अनाज खरीदने की प्रतिबद्धता जाहिर की है। वहीं, दूसरी ओर आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार ने पिछले भंडार को खाली करने में देरी की है, जिससे नए फसल के लिए जगह नहीं बची है।
कृषि में नए किस्मों का प्रभाव: अधिक लागत और समस्याएं
धान की नई किस्मों जैसे कि PR 126 को लेकर भी विवाद बढ़ा है। बिट्टू के अनुसार, राज्य सरकार ने नए किस्मों की अनुमति दी, जो न केवल महंगी हैं बल्कि इन पर बीमारियों का भी खतरा बढ़ा है। किसानों ने महंगे बीजों के लिए अधिक खर्च किया और इस फसल को कीट-नाशक के रूप में अधिक पैसे भी खर्च करने पड़े, जिससे उनकी लागत में वृद्धि हुई है।
केंद्रीय मदद और भविष्य की योजनाएं
केंद्र ने पंजाब को एक आसान धान खरीद सीजन सुनिश्चित करने के लिए ₹44,000 करोड़ की राशि दी है और जरूरत पड़ने पर अधिक फंड भी देने का आश्वासन दिया है। बिट्टू ने कहा कि सरकार किसानों के अनाज को खरीद कर पीडीएस में शामिल करने के लिए तैयार है ताकि इसे देश के जरूरतमंद हिस्सों में वितरित किया जा सके। हालांकि, राज्य के कई नेता मानते हैं कि केंद्र को अधिक सहयोग देना चाहिए था।
पंजाब में धान खरीद को लेकर चल रहा संकट और इसके समाधान के उपाय दोनों ही विषय पर विभिन्न पक्षों की राय से अधिक जटिल प्रतीत होते हैं। किसानों के हित में दोनों सरकारों को मिलकर काम करने और नीति स्तर पर सुधार करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस प्रकार के मुद्दों से बचा जा सके।
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