कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपनी लिबरल पार्टी के अंदर से आ रही इस्तीफे की मांगों को सख्ती से खारिज कर दिया और पार्टी के अगले चुनाव में नेतृत्व की पुष्टि की है। हाल ही में, पार्टी के भीतर सांसदों और कुछ वरिष्ठ नेताओं के बीच बढ़ती असहमति ने उनके नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं, विशेष रूप से तब जब पार्टी को कई महत्वपूर्ण उप-चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है।
विद्रोह का कारण: लिबरल पार्टी में असंतोष
ट्रूडो पर हाल के उप-चुनावों में टोरंटो और मॉन्ट्रियल के पारंपरिक रूप से लिबरल गढ़ों में हार का सामना करने के बाद इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है। लिबरल सांसदों में बढ़ती नाराजगी के संकेत तब और प्रबल हो गए जब पार्टी के कुछ सांसदों ने सार्वजनिक रूप से ट्रूडो के इस्तीफे की मांग की। चार्लोटटाउन के सांसद सीन केसी ने खुलेआम कहा कि ट्रूडो को इस्तीफा देना चाहिए, और बताया कि उनके कई साथी सांसद भी इसी विचार का समर्थन करते हैं।
कनाडा की राजनीति में ट्रूडो का कद बढ़ाने वाली लहर अब कमजोर पड़ रही है। ट्रूडो की लोकप्रियता का ग्राफ गिरकर 33% तक पहुंच गया है, जबकि कंजरवेटिव पार्टी के नेता पियरे पोइलीवरे उनकी तुलना में काफी आगे हैं, जिससे पार्टी के कई सांसदों को उनके नेतृत्व पर शंका होने लगी है। इन आंतरिक कलहों ने एक नेता के रूप में ट्रूडो के प्रति अविश्वास की भावना को और गहरा कर दिया है।
आगामी चुनाव के लिए रणनीति और ट्रूडो का बयान
ट्रूडो ने एक महत्वपूर्ण बैठक में अपने पार्टी सदस्यों को समझाया कि वह पार्टी का नेतृत्व छोड़ने का इरादा नहीं रखते हैं और उन्होंने यह भी कहा कि वे अगले चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी को एकजुट रखने और कनाडा के हित में कार्य करने की उनकी प्रतिबद्धता अटल है। साथ ही, उन्होंने यह दावा भी किया कि वह अपनी पार्टी को पियरे पोइलीवरे जैसे विपक्षी नेताओं के खिलाफ मजबूती से खड़ा करेंगे।
ट्रूडो का भविष्य और लिबरल पार्टी का समर्थन
यद्यपि ट्रूडो को अपने सांसदों के एक बड़े समूह का समर्थन प्राप्त है, परंतु पार्टी के भीतर असहमति स्पष्ट रूप से दिख रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ट्रूडो का नेतृत्व जारी रहता है तो लिबरल पार्टी का राजनीतिक भविष्य संकट में पड़ सकता है। हालांकि, फिलहाल पार्टी में उनके पद के लिए कोई स्पष्ट दावेदार नहीं है, जिससे उनके इस्तीफे का दबाव कम होने की संभावना है।
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस्तीफे की मांगों को खारिज करते हुए लिबरल पार्टी का नेतृत्व जारी रखने का निर्णय लिया है, लेकिन पार्टी में आंतरिक मतभेद और हालिया उप-चुनावों में हार ने उनके नेतृत्व की स्थिरता पर प्रश्न चिह्न खड़ा कर दिया है। आने वाले समय में, यदि पार्टी उनकी लोकप्रियता को पुनः स्थापित करने में असमर्थ रहती है, तो ट्रूडो के लिए अपने चौथे कार्यकाल में जीत हासिल करना मुश्किल हो सकता है।
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