अमेरिकी न्याय विभाग ने हाल ही में भारतीय सरकारी कर्मचारी विकाश यादव पर खालिस्तानी अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। यह मामला न केवल भारत और अमेरिका के बीच तनाव का कारण बना है, बल्कि कनाडा में हुए एक अन्य खालिस्तानी नेता की हत्या के साथ भी इसे जोड़ा जा रहा है। इस घटना ने वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और कूटनीतिक हलचलों को बढ़ा दिया है।
विकाश यादव कौन हैं?
विकाश यादव, जिन्हें अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा “सीसी-1” के नाम से पहचाना गया है, भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय के कर्मचारी थे। उनके कार्यभार में सुरक्षा प्रबंधन और खुफिया जानकारी शामिल थी। आरोप है कि उन्होंने न्यूयॉर्क में रहने वाले पन्नू की हत्या की साजिश का निर्देशन किया। पन्नू, जो भारत में आतंकवादी के रूप में नामित हैं, खालिस्तान के समर्थन में सक्रिय हैं। यादव पर आरोप है कि उन्होंने एक मध्यस्थ के जरिए एक हत्यारे को पन्नू को मारने के लिए नियुक्त किया था।
साजिश कैसे बनी?
वर्ष 2023 में, अमेरिकी न्याय विभाग ने पन्नू की हत्या की साजिश को उजागर किया। इसमें बताया गया कि यादव ने निखिल गुप्ता नामक एक व्यक्ति के साथ मिलकर पन्नू की हत्या के लिए एक योजना बनाई थी। गुप्ता ने एक हत्यारे को $100,000 की पेशकश की, जिसमें से $15,000 अग्रिम के रूप में दिए गए थे। हालाँकि, वह हत्यारा एफबीआई का मुखबिर था, जिसने साजिश की जानकारी दी, जिससे यह साजिश विफल हो गई।
निखिल गुप्ता की भूमिका
निखिल गुप्ता को इस मामले में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। गुप्ता, जो चेक गणराज्य में पकड़ा गया था, पर भी पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि गुप्ता और यादव ने एक साथ मिलकर यह साजिश रची थी, जिसमें यादव ने पन्नू के पते और अन्य जानकारी गुप्ता को मुहैया करवाई थी।
पन्नू हत्या साजिश और निज्जर हत्या के बीच संबंध
कनाडा में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से भारत और कनाडा के बीच संबंधों में काफी तनाव देखा जा रहा है। अमेरिकी न्याय विभाग ने यादव, गुप्ता और कथित हत्यारे के बीच हुई बातचीत का खुलासा किया, जिसमें यह इंगित किया गया कि इस साजिश का संबंध भी कनाडा में हुई हत्या से हो सकता है।
भारत सरकार ने यादव के किसी भी वर्तमान सरकारी पद पर होने से इनकार किया है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यादव अब भारतीय सरकार के कर्मचारी नहीं हैं। यह मामला भारत और अमेरिका के बीच कूटनीतिक संबंधों पर गहरा प्रभाव डाल रहा है, क्योंकि यह घटना अमेरिकी धरती पर हुई थी और इससे भारत की छवि पर भी असर पड़ा है।
क्या भारत-अमेरिका संबंधों में खटास आएगी?
यह मामला भारत-अमेरिका के बीच लंबे समय से चली आ रही रणनीतिक साझेदारी पर गंभीर सवाल उठाता है। अमेरिका ने पहले भी भारत सरकार से पन्नू की हत्या साजिश को लेकर चेतावनी जारी की थी, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध और भी जटिल हो गए हैं।
विकाश यादव और निखिल गुप्ता पर लगे आरोपों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की खुफिया एजेंसियों की गतिविधियों पर प्रकाश डाला है। पन्नू हत्या साजिश न केवल एक व्यक्ति की हत्या का प्रयास थी, बल्कि यह भारत की खुफिया एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करती है। इस मामले का नतीजा दोनों देशों के संबंधों पर गहरा असर डाल सकता है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे यह मामला आगे बढ़ता है।
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