हाल ही में भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव ने एक नया मोड़ लिया जब कनाडा ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए। रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने यह दावा किया कि भारत सीधे तौर पर कनाडाई धरती पर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त है। आरोप यह भी था कि भारत सरकार लॉरेंस बिश्नोई गैंग का इस्तेमाल करके खालिस्तानी समर्थकों को निशाना बना रही है, लेकिन कनाडा ने इसके समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं दिया।
कनाडा की सरकार ने पिछले साल से ही खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का जिम्मा भारत पर मढ़ दिया था, और इसे लेकर भारत के उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। ये विवाद तब और बढ़ा जब कनाडा ने छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। इसके जवाब में, भारत ने भी कनाडा के शीर्ष राजनयिकों को देश से निष्कासित किया।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर कनाडा का नया आरोप
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और RCMP ने दावा किया कि भारत सरकार खालिस्तानी समर्थकों को निशाना बनाने के लिए बिश्नोई गैंग जैसे संगठित अपराध गिरोहों के साथ काम कर रही है। कनाडा के अधिकारियों का कहना है कि इन संगठनों का उपयोग विशेष रूप से दक्षिण एशियाई समुदाय को धमकाने और उन पर हमले करवाने के लिए किया जा रहा है, जिसमें खालिस्तानी समर्थक विशेष तौर पर निशाने पर हैं।
RCMP की असिस्टेंट कमिश्नर ब्रिजिट गॉविन ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि भारत सरकार के एजेंटों ने लॉरेंस बिश्नोई के गैंग के साथ मिलकर कनाडा में अपराधों को अंजाम दिया है। उन्होंने कहा, “हमने संगठित अपराध तत्वों को देखा है, खासकर बिश्नोई ग्रुप को, जो भारत सरकार के एजेंटों से जुड़े हो सकते हैं।”
बाबा सिद्दीकी हत्या मामला और बिश्नोई गैंग
ये आरोप तब लगाए गए हैं जब भारत में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की जांच उसके विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता के कारण चल रही है। हाल ही में यह गैंग महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या में भी शामिल पाया गया था। बिश्नोई गैंग की गतिविधियां सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रही हैं, बल्कि कनाडा में भी उनके सदस्यों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
कनाडा का दावा है कि बिश्नोई गैंग के सदस्य भारत और कनाडा दोनों देशों में सक्रिय हैं, और इन्हें खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ आपराधिक हमले करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। हालांकि, इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई ठोस प्रमाण कनाडा की सरकार द्वारा पेश नहीं किया गया है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने कनाडा के इन आरोपों को पूरी तरह से नकारते हुए कहा है कि ये आरोप न सिर्फ बेबुनियाद हैं, बल्कि कनाडा की आंतरिक राजनीति का हिस्सा भी हैं। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा सरकार ने आज तक कोई भी प्रमाण पेश नहीं किया है जिससे यह साबित हो सके कि भारत खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ किसी तरह की हिंसक गतिविधियों में शामिल है।
विदेश मंत्रालय ने इस विवाद पर कहा, “कनाडा सरकार के पास भारत के खिलाफ लगाए गए आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं है। ये आरोप केवल वोट बैंक की राजनीति और कनाडा में बढ़ते अलगाववादी तत्वों को रोकने में विफलता का परिणाम हैं।”
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और राजनयिक तनाव
इस मामले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि कनाडा द्वारा लगाए गए आरोपों ने भारत-कनाडा के रिश्तों को गंभीर संकट में डाल दिया है। दक्षिण एशिया इंस्टीट्यूट के निदेशक माइकल कुगेलमैन का कहना है कि इस तरह के आरोप असाधारण हैं, और बिना प्रमाण पेश किए जाने से कनाडा की स्थिति कमजोर हो सकती है।
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद केवल कूटनीतिक स्तर पर ही नहीं रुकेगा, बल्कि इसका असर दोनों देशों के व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों पर भी पड़ सकता है। कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की गतिविधियों के बढ़ने के कारण दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है।
कनाडा और भारत के बीच खालिस्तान मुद्दे को लेकर उठे विवाद ने दोनों देशों के रिश्तों में दरार डाल दी है। कनाडा के आरोपों के बावजूद, भारत सरकार ने साफ किया है कि वह इस तरह की गतिविधियों में शामिल नहीं है और कनाडा को इस संबंध में ठोस सबूत पेश करने की जरूरत है। लॉरेंस बिश्नोई गैंग और खालिस्तानी समर्थकों के बीच संभावित संबंधों को लेकर अभी भी कई सवाल अनुत्तरित हैं, और इस मामले में और अधिक जांच की आवश्यकता है।
भारत और कनाडा के संबंधों में इस विवाद ने एक नया मोड़ ला दिया है, और आगे क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
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