भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से तनावपूर्ण रिश्तों के बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की आगामी पाकिस्तान यात्रा एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम के रूप में देखी जा रही है। यह यात्रा अक्टूबर 2024 के मध्य में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए निर्धारित की गई है। यह भारत के किसी उच्च स्तरीय मंत्री की पाकिस्तान में 2015 के बाद पहली यात्रा होगी। पिछली बार भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 2015 में अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में हिस्सा लेने इस्लामाबाद की यात्रा की थी।
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) क्या है?
SCO एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसमें भारत, पाकिस्तान, चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिजस्तान, ताजिकिस्तान, और उज़्बेकिस्तान जैसे प्रमुख देश शामिल हैं। इस संगठन का उद्देश्य सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, और सांस्कृतिक साझेदारी को बढ़ावा देना है। 2001 में स्थापित इस संगठन का मुख्यालय बीजिंग में है। भारत और पाकिस्तान दोनों ने 2017 में SCO के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल हुए थे। SCO के अंतर्गत रिजनल एंटी-टेररिज्म स्ट्रक्चर (RATS) जैसी संरचनाएं सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी कार्यों पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जो भारत के लिए विशेष महत्व रखता है।
जयशंकर की यात्रा का महत्व
यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के वर्षों में भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध अत्यधिक तनावपूर्ण रहे हैं। 2019 के पुलवामा हमले और इसके बाद भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर की गई कार्रवाई के बाद दोनों देशों के संबंधों में गिरावट आई थी। इसके अलावा, अगस्त 2019 में भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से दोनों देशों के बीच राजनयिक संपर्क और भी कम हो गया था। पाकिस्तान ने इस कदम का विरोध करते हुए भारत के साथ अपने राजनयिक संबंधों को कम कर दिया था।
जयशंकर की यह यात्रा विशेष रूप से SCO शिखर सम्मेलन में भाग लेने के उद्देश्य से हो रही है और इसे द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की दिशा में नहीं देखा जा रहा है। भारत ने हमेशा से कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों को बनाए रखना चाहता है, लेकिन इसके लिए पाकिस्तान को आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त माहौल तैयार करना होगा।
पाकिस्तान में SCO शिखर सम्मेलन
SCO शिखर सम्मेलन 15-16 अक्टूबर 2024 को इस्लामाबाद में आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में सदस्य देशों के सरकार प्रमुख भाग लेंगे, और जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह सम्मेलन संगठन के प्रमुख उद्देश्यों जैसे सुरक्षा सहयोग, आतंकवाद विरोधी प्रयासों, और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। भारत के लिए SCO का विशेष महत्व है, क्योंकि यह संगठन मध्य एशिया के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने में मदद कर रहा है।
यह ध्यान देने योग्य है कि पाकिस्तान ने अगस्त 2024 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन भारत की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया था कि विदेश मंत्री जयशंकर ही इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
SCO में भारत की भूमिका
भारत का SCO से जुड़ाव 2005 में पर्यवेक्षक देश के रूप में शुरू हुआ था और 2017 में वह पूर्ण सदस्य बन गया। 2023 में भारत ने SCO की अध्यक्षता की और इस दौरान एक वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन किया गया। SCO के तहत, भारत ने क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग, विशेष रूप से आतंकवाद विरोधी प्रयासों को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया है। RATS के माध्यम से भारत, SCO के अन्य देशों के साथ मिलकर सुरक्षा और रक्षा से जुड़े मुद्दों पर सहयोग कर रहा है।
एस जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा भारत और पाकिस्तान के जटिल रिश्तों के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक घटना है। हालांकि यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों में कोई महत्वपूर्ण बदलाव लाने के उद्देश्य से नहीं है, लेकिन इसे भारत के SCO के प्रति प्रतिबद्धता और क्षेत्रीय सहयोग में उसकी भूमिका को दर्शाने वाला एक कदम माना जा रहा है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद, यह यात्रा क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग को बढ़ावा देने के व्यापक एजेंडे का हिस्सा है।
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