तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राज्यसभा सांसद जवाहर सिरकार ने हाल ही में राजनीति छोड़ने का निर्णय लिया, जो पश्चिम बंगाल के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम और भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा है। सिरकार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई, खासतौर पर कोलकाता के RG Kar मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर की बर्बर हत्या और उससे जुड़े भ्रष्टाचार को लेकर। सिरकार ने इस घटना के बाद ममता सरकार के हस्तक्षेप को “बहुत देर और बहुत कम” करार दिया।
सिरकार ने अपने पत्र में इस घटना के बाद सरकारी अधिकारियों और नेताओं के “अत्यधिक भ्रष्टाचार” पर नाराजगी जताई और कहा कि इस तरह के हालात ने राज्य में जनता की नाराजगी को बढ़ावा दिया है। उन्होंने इस घटना को तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं की ‘विशेषाधिकार प्राप्त और भ्रष्ट’ मानसिकता से जोड़ा और यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने सही समय पर उचित कदम नहीं उठाए।
जवाहर सिरकार, जो पूर्व आईएएस अधिकारी और प्रसार भारती के सीईओ रह चुके हैं, ने 2021 में TMC के माध्यम से राज्यसभा की राजनीति में कदम रखा था। उन्होंने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने राजनीति में कदम इसलिए रखा था ताकि वे BJP की ‘साम्प्रदायिक और तानाशाही राजनीति’ के खिलाफ अपनी आवाज़ उठा सकें। हालांकि, राज्य में भ्रष्टाचार और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के रवैये से सिरकार निराश हो गए।
RG Kar मेडिकल कॉलेज की घटना के बाद राज्य में व्यापक विरोध-प्रदर्शन हुए, और इसने सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए। सिरकार का मानना है कि यदि समय पर उचित कार्रवाई होती, तो स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता था। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि राज्य सरकार अपनी दिशा नहीं बदलती, तो ‘साम्प्रदायिक दल’ राज्य की सत्ता में आ सकते हैं।
सिरकार के इस फैसले के बाद तृणमूल कांग्रेस में हलचल मच गई है। पार्टी के कुछ नेताओं ने सिरकार की चिंताओं को गंभीरता से लेने की बात कही है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है।
सिरकार का यह कदम उस समय आया है जब पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जनता के बीच आक्रोश है। इस मामले पर चर्चा करते हुए सिरकार ने कहा कि जनता अब इस स्तर के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं कर सकती।
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