अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने आखिरकार पुष्टि की है कि अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर फरवरी 2025 में धरती पर लौटेंगे। नासा ने इस निर्णय को सुरक्षा कारणों से महत्वपूर्ण बताया है। दरअसल, विलियम्स और विलमोर को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से वापस लाने के लिए पहले बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल का उपयोग किया जाना था, लेकिन इसके तकनीकी मुद्दों के कारण यह बहुत जोखिम भरा साबित हुआ है।
नासा का निर्णय: स्टारलाइनर क्यों लौट रहा है बिना यात्रियों के?
नासा के अनुसार, स्टारलाइनर कैप्सूल को अंतरिक्ष से खाली वापस लाने का निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि इस स्पेसक्राफ्ट के प्रदर्शन को लेकर कई तकनीकी खामियां पाई गई हैं। इन खामियों में हिलियम के लीक और रिएक्शन कंट्रोल थ्रस्टर की समस्याएं शामिल हैं। इंजीनियरों की टीमों ने इसे सुधारने के लिए कई परीक्षण और समीक्षा की हैं, लेकिन फिर भी यह स्पेसक्राफ्ट सुरक्षित मानकों को पूरा नहीं कर पा रहा है।
इस स्थिति को देखते हुए, नासा ने सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल के जरिए फरवरी 2025 में धरती पर लाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के साथ नासा ने अपनी सुरक्षा प्रतिबद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
स्पेसएक्स का योगदान
इलोन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स इस समय अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस तक पहुंचाने वाली एकमात्र अमेरिकी कंपनी है। वर्तमान में, आईएसएस में एक स्पेसएक्स कैप्सूल डॉक किया हुआ है, जो सितंबर 2024 में चार अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने के लिए निर्धारित है। इसके बाद, विलियम्स और विलमोर को इस कैप्सूल में जगह देकर धरती पर लाया जाएगा।
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की अंतरिक्ष यात्रा अब करीब आठ महीने की अवधि में विस्तारित हो गई है। इस दौरान वे आईएसएस पर विभिन्न वैज्ञानिक अनुसंधानों और स्पेसक्राफ्ट के सिस्टम्स की परीक्षण प्रक्रियाओं में योगदान देंगे। उनकी सुरक्षित वापसी के लिए किए गए निर्णयों ने एक बार फिर नासा की सुरक्षा प्राथमिकताओं को उजागर किया है।
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