मध्य फ़्लोरिडा की मेरिट आइलैंड में स्थित इंटरस्टेलर लैब ने नासा के डीप स्पेस फूड चैलेंज में $750,000 का शीर्ष अमेरिकी पुरस्कार जीता है। यह प्रतियोगिता नासा और कनाडाई स्पेस एजेंसी (CSA) द्वारा शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रियों के लिए दीर्घकालिक मिशनों में आवश्यक भोजन की सुरक्षित, पौष्टिक और स्वादिष्ट आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
न्यूक्लियस सिस्टम: एक अनोखा समाधान
इंटरस्टेलर लैब का न्यूक्लियस सिस्टम नौ आपस में जुड़े मॉड्यूल्स से बना है, जिसमें छह मॉड्यूल्स खाद्य उत्पादन के लिए और तीन सिस्टम-सपोर्ट फंक्शंस के लिए समर्पित हैं। यह प्रणाली एक क्लोज्ड-लूप सेटअप है, जो माइक्रोग्रीन्स, सब्जियों, मशरूम और यहां तक कि कीड़ों को भी उगाने में सक्षम है। सबसे खास बात यह है कि यह सिस्टम 90% तक स्वचालित है, जिससे अंतरिक्ष यात्री केवल हार्डवेयर की निगरानी और रखरखाव करते हैं।
अन्य प्रमुख प्रतियोगी
इस प्रतियोगिता में 32 देशों की 300 से अधिक टीमों ने भाग लिया, जिनमें से केवल कुछ ही टीम फाइनल राउंड में पहुंच पाई। अमेरिका में, फाइनल राउंड के विजेता के रूप में दो अन्य टीमों को भी मान्यता दी गई:
- Nolux: इस टीम ने एक कृत्रिम प्रकाश संश्लेषण प्रणाली विकसित की है, जो जैविक प्रकाश संश्लेषण के बिना पौधों और कवक का उत्पादन कर सकती है। उन्हें $250,000 का पुरस्कार मिला।
- SATED: कोलोराडो स्थित इस टीम ने एक कुकिंग एप्लायंस विकसित किया है, जो अंतरिक्ष यात्रियों को प्री-पैक्ड और इन-सिटू उगाए गए अवयवों से कस्टम भोजन तैयार करने की सुविधा देता है। इसे भी $250,000 का पुरस्कार मिला।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, Solar Foods ने सोलिन नामक प्रोटीन का उत्पादन करने के लिए बिजली और CO2 का उपयोग करके एक नई विधि विकसित की, जिसे फेज 3 के विजेता के रूप में चुना गया।
भविष्य के मिशनों के लिए एक क्रांतिकारी कदम
डीप स्पेस फूड चैलेंज के विजेता तकनीकें नासा के भविष्य के आर्टेमिस मिशनों और मंगल ग्रह की यात्राओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगी। इसके अलावा, ये तकनीकें धरती पर खाद्य सुरक्षा और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य उत्पादन के लिए भी प्रेरणा बन सकती हैं।
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