वैज्ञानिकों ने एक नए प्रकार के “सुपर-ब्लैक” मटेरियल को खोजा है जिसे नायलॉन (Nxylon) कहा जाता है, यह मैटेरियल बैसवुड से प्लाज्मा एचिंग तकनीक द्वारा बनाया गया है। इस मटेरियल का प्रकाश अवशोषण गुण इतना अधिक है कि यह ऑप्टिकल उपकरणों और सौर पैनलों में उपयोगी हो सकता है। इस खोज के पीछे यूनिवर्सिटी ऑफ बीसी (UBC) के फॉरेस्ट्री विभाग के प्रोफेसर फिलिप इवांस और उनकी टीम का हाथ है।
शोध और आकस्मिक खोज
इवांस और उनकी टीम ने मूल रूप से प्लाज्मा एचिंग का उपयोग करके लकड़ी को जल-रोधी बनाने की कोशिश की थी। जब उन्होंने इस तकनीक को लकड़ी के अंत अनाज पर आजमाया, तो उन्होंने देखा कि लकड़ी काली हो गई। यह काली नहीं बल्कि सुपर-ब्लैक हो गई। “यह इतना काला था, मैंने ऐसा कभी नहीं देखा था,” इवांस ने कहा। उन्होंने इसे परीक्षण के लिए टेक्सास ए एंड एम विश्वविद्यालय के भौतिकी और खगोल विज्ञान विभाग को भेजा, जिन्होंने इसे “सुपर-ब्लैक” मटेरियल घोषित किया।
इस मटेरियल का नाम नायलॉन (Nxylon) है और यह कार्बन नैनोट्यूब से बने वांटाब्लैक से अलग है, क्योंकि नायलॉन एक नवीकरणीय संसाधन से बना है। इसकी प्रकाश अवशोषण क्षमता इसे टेलिस्कोप और ऑप्टिकल उपकरणों के लिए उपयोगी बनाती है, लेकिन इसका सौंदर्य मूल्य भी है। इवांस और उनकी टीम ने इसे घड़ियों और अंगूठियों के काले पत्थरों के निर्माण में उपयोग करने के लिए एक नई कंपनी, Nxylon Corporation of Canada, की स्थापना की है।
विज्ञान उपकरणों में उपयोग के लिए कुछ चुनौतियाँ हैं, जैसे कि गैस रिलीज को रोकना, जो कि प्रकाश अवशोषण गुणों को कम कर सकती हैं। इसलिए, टीम वर्तमान में मुख्य रूप से आभूषण और अन्य उपभोक्ता उत्पादों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
यह भी पढ़े: Apple की AI फीचर्स की देरी: iOS 18 और iPadOS 18 ओवरहॉल में नहीं होगा शामिल