भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए श्री बाँके बिहारी जी का नाम अत्यंत प्रिय है। यह नाम उन्हें आनंददायक सुंदर स्वरूप का संदेश देता है। विनय पचासा कविता में हम भगवान श्रीकृष्ण के सुंदर रूप के साथ उनके भक्तों के प्रेम और आस्था को दर्शाते हैं।
श्री बाँके बिहारी जी के विनय पचासा में उनके आकर्षक रूप का वर्णन किया गया है। उनके नैन, बाल, भुजा, लटके, और पहनावे के बारे में गाया गया है। यह कविता भगवान के भक्तों के दिल को छूने वाली भावनाओं को प्रकट करती है। इसमें भक्तों की आत्मीयता, प्रेम, और निष्ठा का ज्ञान मिलता है।