प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों में कई आतंकी हमलों ने सुरक्षा स्थिति को गंभीर बना दिया है। आतंकवादियों ने रियासी, कठुआ और डोडा जिलों में चार जगहों पर हमले किए, जिसमें नौ तीर्थयात्रियों और एक सीआरपीएफ जवान की मौत हो गई, जबकि सात सुरक्षाकर्मियों सहित कई अन्य घायल हो गए।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री को केंद्र शासित प्रदेश की सुरक्षा स्थिति की पूरी जानकारी दी गई और आतंकवाद-रोधी प्रयासों के बारे में बताया गया।
आतंकवाद-रोधी क्षमताओं का पूर्ण उपयोग करने के निर्देश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों से आतंकवाद-रोधी क्षमताओं का पूर्ण उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से सुरक्षा बलों की तैनाती और आतंकवाद-रोधी अभियानों के बारे में भी चर्चा की।
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले
रविवार को आतंकवादियों ने रियासी में तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर हमला किया, जिससे बस गहरी खाई में गिर गई। इस हादसे में नौ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 41 घायल हो गए।
इसके दो दिन बाद, आतंकवादियों ने डोडा में एक संयुक्त चेकपोस्ट पर हमला किया, जिसमें छह सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
उसी रात, एक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRF) जवान और एक आतंकवादी कठुआ जिले के हिरानगर के सैदा सुखल गांव में एक घर पर हमला करने के बाद हुई मुठभेड़ में मारे गए।
बुधवार शाम को डोडा जिले के कोटा टॉप इलाके में आतंकवादियों के साथ ताजा मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया।
लश्कर-ए-तैयबा का हाथ
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा है कि इन हमलों के पीछे आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ हो सकता है। डोडा जिले में हुए दो हमलों में शामिल चार आतंकवादियों के स्केच भी जारी किए गए हैं।
रियासी में हुए हमले के संबंध में भी लश्कर-ए-तैयबा का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस हमले की जांच के लिए 11 टीमों का गठन किया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम भी रियासी में स्थिति का आकलन कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों की घटनाएं बढ़ रही हैं। प्रधानमंत्री का अधिकारियों को आतंकवाद-रोधी क्षमताओं के पूर्ण उपयोग का निर्देश देना, इन चुनौतियों का सामना करने के लिए सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।
आगे आने वाले दिनों में सुरक्षा बलों की तैनाती और आतंकवाद-रोधी अभियानों में तेजी देखी जा सकती है, जिससे जम्मू-कश्मीर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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